खेल : टेस्ट को लेकर ललक है तो घरेलू क्रिकेट खेलो : गंभीर
सिडनी डायरी सिडनी, एजेंसी। भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने रविवार को कहा
सिडनी डायरी सिडनी, एजेंसी। भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने रविवार को कहा कि खराब फॉर्म से जूझ रहे रोहित और कोहली में उत्कृष्ट प्रदर्शन की ललक है। उन्होंने इन दोनों सहित सभी सीनियर खिलाड़ियों से घरेलू क्रिकेट खेलकर टेस्ट क्रिकेट के लिए अपनी प्रतिबद्धता साबित करने का आग्रह किया। मैं हमेशा चाहता हूं कि सभी घरेलू क्रिकेट खेलें। घरेलू क्रिकेट को इतनी तवज्जो मिलनी चाहिए। सिर्फ एक मैच नहीं, अगर वे उपलब्ध हैं और टेस्ट क्रिकेट को लेकर प्रतिबद्ध हैं तो हर किसी को घरेलू क्रिकेट खेलनी चाहिए। अगर आप घरेलू क्रिकेट को महत्व नहीं देते तो टेस्ट क्रिकेट के लिए वैसे खिलाड़ी कभी नहीं निकलेंगे जैसे चाहिए। कोहली ने आखिरी बार 2012 में और रोहित ने 2015-16 में रणजी ट्रॉफी खेला था।
दो बार विश्व कप विजेता रह चुके स्पष्टवादी गंभीर ने इसे लेकर भी कोई आश्वासन नहीं दिया कि रोहित या कोहली आगे टेस्ट टीम का हिस्सा होंगे या नहीं। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, अभी इस पर बात करने का समय नहीं है कि पांच महीने बाद हम कहां होंगे। खेल में बहुत कुछ बदलता है। फॉर्म बदलता है, लोग बदलते हैं, तेवर बदलते हैं, सब कुछ बदल जाता है। हमें पता है कि पांच महीने लंबा समय है। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के समय देखेंगे कि क्या होता है। लेकिन जो भी होगा, वह भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ हित में होगा।
कोंस्टास की आलोचना : गंभीर ने बुमराह से भिड़ने वाले ऑस्ट्रेलिया के युवा क्रिकेटर सैम कोंस्टास की आलोचना करते हुए कहा है कि उसे भारतीय कप्तान से बात करने का अधिकार नहीं था। उन्होंने कहा, कठोर लोगों द्वारा खेला जाने वाला यह कठिन खेल है। आप नरम नहीं पड़ सकते। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ धमकाने जैसा था। ख्वाजा जब समय बर्बाद कर रहे थे तब उसे बुमराह से बोलने का कोई अधिकार नहीं था। इससे उसका कुछ लेना देना नहीं था। यह अंपायर का काम था।
::: कोटस ::
' मैं किसी खिलाड़ी (रोहित-कोहली) के भविष्य के बारे में बात नहीं कर सकता। यह उन्हें तय करना है लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि उनमें अभी भी भूख है, जुनून है। वे दृढ इंसान हैं और उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाते रहेंगे। वे जो भी तय करेंगे, भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ हित में तय करेंगे।' -गौतम गंभीर
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ट्रॉफी देने के लिए बॉर्डर के साथ न बुलाने पर गावस्करनाराज
सिडनी। महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अपने और एलेन बॉर्डर के नाम पर दी जाने वाली ट्रॉफी ऑस्ट्रेलियाई टीम को प्रदान करने के लिए बुलाए नहीं जाने पर नाराजगी जताई है। बॉर्डर ने टीम को ट्रॉफी प्रदान की। मैदान पर मौजूद होने के बावजूद गावस्कर को बुलाया नहीं गया। गावस्कर ने कहा, मुझे पुरस्कार वितरण समारोह में जाकर खुशी होती। आखिरकार यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है और ऑस्ट्रेलिया और भारत से जुड़ी है। मैं मैदान पर ही था। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया को दी जा रही थी। उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला और जीते। ठीक है। सिर्फ इसलिए कि मैं एक भारतीय हूं। अपने अच्छे दोस्त बॉर्डर के साथ ट्रॉफी प्रदान करके मुझे खुशी होती।
भारत जीतता तो बुलाते : भारतीय टीम अगर जीतती तो गावस्कर को विजेता टीम को ट्रॉफी प्रदान करने के लिए बुलाया जाता। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने बाद में पुष्टि की कि गावस्कर को पता था कि अगर भारतीय टीम सिडनी जीतकर ट्रॉफी बरकरार रखती तो उन्हें बुमराह को ट्रॉफी देने के लिए बुलाया जाता। हम मानते हैं कि बॉर्डर और गावस्कर दोनों को मंच पर बुलाया जाता तो अच्छा रहता।
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विराट खेल में नाटकीयता लाता है : कमिंस
::: कोटस :::
'हर बार जब भी उसने (बुमराह) गेंदबाजी की, अपना प्रभाव छोड़कर महत्वपूर्ण विकेट लिए। इसमें कोई शक नहीं कि उसके नहीं खेलने से हमें फायदा मिला। यह बहुत बड़ी जीत है। ऑस्ट्रेलिया में यह बहुत बड़ी सीरीज है। पूरी सीरीज उतार-चढ़ाव वाली रही लिहाजा 3-1 से जीतकर अच्छा लग रहा है। सोने पे सुहागा यह है कि हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में हैं। ' -पैट कमिंस, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान
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सिडनी। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने विराट कोहली को महान प्रतिस्पर्धी बताया जो खेल में नाटकीयता लाकर उसे जीवंत बनाता है। साथ ही यह भी कहा कि अगर यह ऑस्ट्रेलिया का उनका आखिरी दौरा था तो उन्हें इसका दुख है। सीरीज के पहले मैच में शतक जमाने के बाद कोहली पांच टेस्ट में आठ बार आफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद से छेड़खानी करके स्लिप में कैच देकर आउट हुए हैं। कमिंस ने कहा, यह हमेशा शानदार मुकाबला रहता है। उसके रनों के अलावा वह खेल में नाटकीयता लेकर आता है जो कई बार अच्छा होता है और कई बार विरोधी को भड़का भी देता है जो उसकी रणनीति रहती है। उसके साथ खेलने का मजा आया। वह पिछले एक दशक से स्टार बल्लेबाज रहा है। अगर आप उसका विकेट लेते हैं तो जीतने में काफी मदद मिलती है। अगर यह उसकी आखिरी सीरीज है तो यह दुखद है।
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कोहली टीम में रहने के हकदार नहीं : पठान
सिडनी। भारतीय टीम में सुपरस्टार संस्कृति खत्म करने की मांग करते हुए पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने कोहली के टीम में स्थान पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कोहली ने अपनी तकनीकी कमियों को सुधारने के लिए ना तो घरेलू क्रिकेट खेली और ना ही मेहनत की। पठान ने कहा, सुपरस्टार कल्चर खत्म होना चाहिए, टीम कल्चर की जरूरत है। आपको प्रदर्शन में सुधार करना होगा, अपने और टीम के। इस सीरीज से पहले भी मैच थे और उनके पास घरेलू क्रिकेट खेलने का मौका था लेकिन उन्होंने नहीं खेला। इस कल्चर को बदलना होगा। कोहली ने आखिरी बार घरेलू क्रिकेट कब खेला था। एक दशक से भी पहले। पहली पारी में 2024 में उनका औसत 15 रहा है। पिछले पांच साल में 30 भी नहीं रहा। क्या ऐसे सीनियर भारतीय टीम में होने चाहिए। इसकी बजाय तो किसी युवा को मौका देना चाहिए जो 25-30 की औसत दे ही देगा। यह टीम के बारे में है, व्यक्तियों के बारे में नहीं।
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