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खेल : ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद बेहतर क्रिकेटर बनोगे

कोच गौतम गंभीर और सीनियर खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार खेलने वाले युवा खिलाड़ियों को टिप्स दिए। आठ खिलाड़ी जैसे यशस्वी, सरफराज और अन्य ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट मैच खेलेंगे। बुमराह, विराट,...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 14 Nov 2024 05:40 PM
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-कोच गौतम और सीनियरों ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया आए युवाओं को दिए टिप्स -8 खिलाड़ी यशस्वी और सरफराज सहित पहली बार ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर खेलेंगे

पर्थ, एजेंसी। मुख्य कोच गौतम गंभीर और कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर रहे युवाओं से कहा है कि कंगारुओं के खिलाफ टेस्ट सीरीज उन्हें बेहतर क्रिकेटर बनाएगी। आठ खिलाड़ी ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली बार टेस्ट खेलेंगे। इनमें यशस्वी, ध्रुव जुरेल, अभिमन्यु ईश्वरन, सरफराज खान, नीतिश रेड्डी, हर्षित राणा, आकाश दीप और प्रसिद्ध कृष्णा शामिल हैं।

कोहली और अश्विन का यह पांचवां टेस्ट दौरा (2011-12, 14-15, 18-19, 20-21) है जबकि बुमराह का तीसरा (2018-19, 20-21) टेस्ट दौरा है। भारत के बल्लेबाजी कोच अभिषेक नायर ने कहा, गौती भाई (गंभीर) ने दौरे से पहले खिलाड़ियों से बात की। कुछ सीनियर खिलाड़ी भी साथ थे। बुमराह, विराट, अश्विन ने उनसे बात की कि कैसे पहले वह युवा खिलाड़ी के तौर पर यहां आए थे। ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद उन्हें महसूस हुआ कि वे बेहतर क्रिकेटर बनकर लौट रहे हैं। भारतीय क्रिकेटरों के लिए यह सबसे कठिन चुनौती है जिसका उन्हें सामना करना है।

गेंदबाजी कोच मोर्नी मोर्कल ने कहा, यह अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर की सबसे रोचक स्पर्धा है क्योंकि दोनों टीमें एक-दूसरे को एक मौका भी नहीं देना चाहेंगी। मुझे यकीन है कि पांचों टेस्ट काफी रोमांचक होंगे।

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मैकस्वीनी को वॉर्नर की तरह खेलने की जरूरत नहीं : ख्वाजा

पर्थ। ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने नए जोड़ीदार नाथन मैकस्वीनी का समर्थन करते हुए कहा है कि वह पर्थ में भारत के खिलाफ डेविड वॉर्नर की तरह खेलने का प्रयास करने की जगह अपना खेल खेलें। अपने 38वें जन्मदिन की ओर बढ़ रहे ख्वाजा ने कहा, तेजी से रन बनाना ही सब कुछ नहीं है। उन्हें भरोसा है कि उचित गति से रन बनाने के अलाव मैकस्वीनी में लंबे समय तक टिके रहने की क्षमता भी है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि नाथन यह काम बहुत अच्छे से करता है। वह रन बना सकता है लेकिन वह लंबे समय तक बल्लेबाजी भी कर सकता है। अगर आप मुकाबले को अपने पक्ष में मोड़ना चाहते हैं तो टेस्ट क्रिकेट में ये बहुत महत्वपूर्ण पहलू हैं।

उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि यह मिथक कहां से शुरू हुआ कि आपको कोई ऐसा खिलाड़ी चाहिए जो बहुत तेजी से रन बनाए। सलामी बल्लेबाज के रूप में आप रन बनाने का प्रयास करते हैं और इसके लिए आपके पास पांच दिन होते हैं। पिछले साल हमारा कोई टेस्ट मैच पांच दिन तक नहीं गया। सलामी बल्लेबाजी का मतलब रन बनाना और उस समय क्रीज पर डटे रहना है। डेवी (वॉर्नर) खास थे। वह मुश्किल समय में टिके रहकर रन बना सकते थे। वह कभी-कभी 100 गेंद में 100 रन बना लेते थे लेकिन वह हर बार ऐसा नहीं करते थे। कभी-कभी उन्हें 100 रन बनाने के लिए 170, 180 गेंद लग जाती थीं। उनके प्रदर्शन में निरंतरता थी, वह क्रीज पर उतरकर बाद में आने वाले लोगों के लिए मंच तैयार करता था और रन बनाता था। ये दोनों काफी महत्वपूर्ण चीजे हैं।

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