पेज-1 के लिए:: अदाणी पर अमेरिका में आरोप, भारत में सियासत
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न्यूयार्क/¹नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिका में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगा है। अदाणी पर आरोप हैं कि उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में सौर परियोजनाओं के अनुबंध और वित्त पोषण हासिल करने लिए 26.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 2236 करोड़ की रिश्वत दी और यह बात उन्होंने अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से छिपाई। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस मामले में गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी के खिलाफ अमेरिका में गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। इस बीच, इन आरोपों के मद्देनजर अदाणी ग्रीन ने गुरुवार को 60 करोड़ डॉलर की बॉन्ड बिक्री को रद्द कर दिया। 62 वर्षीय अदाणी पर बुधवार को प्रतिभूति धोखाधड़ी करने और उसकी साजिश रचने के आरोप लगाए गए। उनके खिलाफ दो मामले ब्रुकलीन की संघीय अदालत में दर्ज किए गए हैं। अदाणी के साथ जिन अन्य लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें उनके भतीजे और अदाणी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अदाणी और कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे विनीत जैन शामिल हैं। जैन 2020 से 2023 तक कंपनी के सीईओ थे और वह इसके निदेशक मंडल के प्रबंध निदेशक हैं।
रिश्वत का है मामला
यह मामला अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य कंपनी के लिए भारत में राज्य सरकारों को 12 गीगावाट सौर ऊर्जा बेचने को लेकर अधिकारियों को रिश्वत देने से जुड़ा है। उन पर अमेरिकी शेयर बाजार के निवेशकों के साथ वास्तविक स्थिति छिपाने का आरोप है, जबकि इन निवेशकों ने पिछले पांच साल में इस परियोजना में कई अरब डॉलर लगाए हैं। अमेरिकी अटॉर्नी ब्रियोन पीस ने कहा कि प्रतिवादियों ने हमारे वित्तीय बाजारों की कीमत पर खुद को लाभ पहुंचाने की कोशिश की। एक अन्य दीवानी कार्रवाई में, अदाणी और दो अन्य पर धोखाधड़ी-रोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। नियामक ने आर्थिक दंड और अन्य प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है। अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि इस अनुबंध के जरिए अदाणी समूह को 20 साल में करीब 200 करोड़ डॉलर से ज्यादा का मुनाफा होने की उम्मीद थी।
कंपनी ने दी सफाई
कंपनी ने कहा कि अमेरिकी अदालत में लगाए गए आरोप आधारहीन हैं। कंपनी ने सभी नियमों का पूरी तरह पालन किया है और आगे वो मामले पर सभी संभावित कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी। उसने कहा, अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद कहा है कि अभियोग में लगाए गए आरोप केवल आरोप हैं और अभियुक्तों को तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक कि उन्हें दोषी साबित नहीं कर दिया जाता।
अदाणी को झटका
इस खबर के बाद अदाणी समूह के तीन प्रमुख शेयरों में 23% तक की गिरावट आई। समूह के सभी 11 शेयरों का कुल बाजार पूंजीकरण लगभग ₹दो लाख करोड़ गिरकर ₹12.3 लाख करोड़ पर आ गया। इसी तरह, अदाणी पावर, अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी के शेयर भी 10% या उससे अधिक गिर गए। यह अदाणी समूह का 2023 की हिनडनबर्ग रिपोर्ट के बाद का सबसे खराब कारोबारी दिन था। फोर्ब्स की सूची के अनुसार, गौतम अदाणी की संपत्ति में 1000 करोड़ डॉलर की गिरावट आई और उनकी कुल संपत्ति 59.3 बिलियन डॉलर रह गई। इसी के साथ वे विश्व के अमीर लोगों की सूची में फिसलकर 25वें स्थान पर चले गए हैं।
गिरफ्तारी वारंट के बाद क्या?
अमेरिकी अदालत ने अदाणी समूह को भारत में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत देने के मामले में आरोपी पाया है। यह भी कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट करके और न्याय विभाग, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन और एफबीआई को गुमराह करके न्याय में बाधा डालने की कोशिश की गई। इसके बाद गौतम अडाणी के खिलाफ अमेरिकी कानूनी व्यवस्था के तहत ‘अभियोग प्रक्रिया शुरू हो सकती है। अमेरिका कानून के अनुसार, यदि किसी भी शख्स के खिलाफ एजेंसियों को शिकायत मिलती है तो उसकी पड़ताल पुलिस, एफ़बीआई जैसी एजेंसियाँ करती हैं। वे सबूत इकट्ठा करती हैं और इन्हें सरकारी अभियोजक को सौंपती है। अभियोजक अपराध की गंभीरता के अनुसार ग्रैंड जूरी का चयन करता है। इसमें साक्ष्य पर सुनवाई के लिए कम से कम 16 जूरी सदस्यों की उपस्थिति ज़रूरी होती है। अगर जूरी सबूतों को पर्याप्त मानती है तो वह अभियुक्त के खिलाफ औपचारिक मुकदमा चलाया जा सकता है।
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