आरबीआई और एफआईयू आपस में साझा करेंगे खुफिया जानकारी
एफआईयू-आईएनडी और भारतीय रिजर्व बैंक ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। दोनों संगठन एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे और खुफिया जानकारी साझा करेंगे। यह...

- एफआईयू और आरबीआई के बीच हुए समझौता, दोनों तरफ से नियुक्त किया जाएगा नोडल अधिकारी नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (एफआईयू-आईएनडी) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। समझौता के तहत धन शोधन निवारण अधिनियम और उससे जुड़े नियमों के प्रभावी क्रियान्व्यन के लिए खुफिया व जरूरी जानकारी साझा करेंगे। आरबीआई के अधीन आने वाली संस्थाएं भी जरूरी जानकारी समय पर उपलब्ध कराएंगी।
समझौता पर एफआईयू-आईएनडी के निदेशक विवेक अग्रवाल और भारतीय रिजर्व बैंक के विनियमन विभाग के कार्यकारी निदेशक आरएलके राव ने हस्ताक्षर किए। समझौता के तहत एफआईयू और आरबीआई आपसी हित के क्षेत्रों में एक-दूसरे को सहयोग करेंगे। दोनों पक्ष बातचीत करने के लिए एक नोडल अधिकारी और एक वैकल्पिक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा। इस समझौते का उद्देश्य पीएमएलए नियमों के तहत विनियमित एवं रिपोर्टिंग संस्थाएं एफआईयू को रिपोर्ट करेंगी, जिसके लिए रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को भी निर्धारित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अपने डेटाबेस में उपलब्ध खुफिया जानकारी को साझा किया जाएगा। आरबीआई द्वारा अधिकृत संस्थाएं व रिपोर्टिंग संस्थाओं में एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग व आतंकवाद के वित्तपोषण की पहचान करने के लिए कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा। मनी लॉन्ड्रिंग व आतंकवाद के वित्तपोषण के जोखिम और कमजोरियों का आकलन किया जाएगा। संदिग्ध लेनदेन की विशेष तौर पर पहचान की जाएगी। दोनों पक्षआपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा और जानकारी साझा करने के लिए तिमाही बैठक का आयोजन भी करेंगे।
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