बैंकों को ब्याज दरें कम करने की जरूरत: सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंक ब्याज दरें कुछ लोगों के लिए दबाव वाली हैं और इन्हें सस्ता बनाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने उद्योग की वृद्धि की आवश्यकताओं पर ध्यान देते...
मुंबई, एजेंसी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि बैंक ब्याज दरें कुछ लोगों के लिए बेहद दबाव वाली हैं, और उन्हें सस्ता बनाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने आर्थिक वृद्धि में सुस्ती की आशंका के बारे में व्यापक चिंताओं के बीच भरोसा दिलाया कि सरकार घरेलू और वैश्विक चुनौतियों से पूरी तरह अवगत है। उन्होंने कहा कि अनावश्यक चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सीतारमण ने कहा, महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप भारत की वृद्धि की आवश्यकताओं को देखते हैं और कई तबकों से यह राय सामने आती है कि उधार लेने की लागत वास्तव में बेहद दबाव बढ़ाने वाली है। ऐसे समय में जब हम चाहते हैं कि उद्योग तेजी से आगे बढ़ें और क्षमता निर्माण हो, बैंक ब्याज दरें कहीं अधिक सस्ती होनी चाहिए।
उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के वार्षिक व्यापार और आर्थिक सम्मेलन में बैंकों से ऋण देने के अपने मूल काम पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। वित्त मंत्री ने कहा कि बीमा उत्पादों की गलत ढंग से बिक्री भी अप्रत्यक्ष रूप से किसी व्यक्ति या संस्था के लिए कर्ज लेने की लागत को बढ़ाती है।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फरवरी 2023 से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। महंगाई की दर आरबीआई के तय दायरे से ऊपर यानी छह फीसदी से ज्यादा हो गई है।
एक हफ्ते में यह दूसरा मौका है जब सरकार के किसी प्रतिनिधि ने ब्याज की ऊंची दरों को लेकर टिप्पणी की है। अभी बीते सप्ताह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी ऊंची ब्याज दरों को कम करने के लिए आरबीआई को नसीहत दी थी। हालांकि उन्होंने इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताया था। इस टिप्पणी का जवाब देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि ब्याज दरों पर फैसला मौद्रिक समीक्षा बैठक के दौरान तय पैनल करता है।
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