अपडेट ::::ब्यूरो:::: संसद राज्यसभा::: कांग्रेस ने परिवार मजबूत करने के लिए संविधान संशोधन किए : सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने संविधान में संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार के लिए किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल के...
- वित्त मंत्री ने कांग्रेस कार्यकाल में हुए संशोधनों को लेकर साधा निशाना - कहा, पार्टी और तत्कालीन प्रधानमंत्री की छवि के मद्देनजर उठाए कदम
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता
संविधान पर चर्चा के दौरान सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर कई सवाल उठाए। कहा कि उसने संविधान में संशोधन लोकतंत्र की मजबूती के लिए नहीं बल्कि एक परिवार की मजबूती के लिए किए।
भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा विषय पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए सीतारमण ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद 50 से अधिक देश आजाद हुए। इनमें से अनेक के संविधान अब प्रासंगिक नहीं हैं, लेकिन हमारे संविधान ने अनेक संकटों का सामना करते हुए अपनी प्रासंगिकता को बनाए रखा है। कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार संविधान संशोधनों को कुछ कसौटियों से गुजरना होता है, लेकिन कांग्रेस ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।
विरोध पर किताबों तक पर प्रतिबंध : सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस संविधान की कितनी रक्षा करती है, इसका अंदाजा इसी से लगता है कि उसके नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित करने के लिए संविधान लागू होने के एक वर्ष के अंदर ही इसमें संशोधन कर दिया था। उस वक्त श्यामा प्रसाद मुखर्जी और संविधान सभा के सदस्य कामेश्वर सिंह ने कड़ा विरोध किया। यह संशोधन जन कल्याण या लोकतंत्र की मजबूती के लिए नहीं बल्कि पार्टी और तत्कालीन प्रधानमंत्री की छवि को ध्यान में रखकर लाया गया। इसके बाद कलाकार बलराज साहनी और संगीतकार मजरूह सुल्तानपुरी को जेल भेजा गया। कई अन्य हस्तियों को गिरफ्तार किया गया और किताबों पर प्रतिबंध लगाया गया।
इंदिरा से अपनी कुर्सी बचाई
वित्त मंत्री ने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी के निर्वाचन को चुनौती देने का मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद 39वां संशोधन लाया गया। इंदिरा ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए संविधान में संशोधन किया। यह संशोधन परिवार और नेता को बचाने के लिए किया गया। सामाजिक सुधार के लिए शाह बानो मामले में न्यायालय के आदेश के बाद कांग्रेस सरकार ने संसद में संशोधन लाकर फैसले को बदला।
प्रस्तावना ही बदल दी
सीतारमण ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लोगों के साथ कभी सामाजिक और आर्थिक न्याय नहीं किया। आपातकाल के दौरान समूचे विपक्ष को जेल में डालकर लोकसभा का कार्यकाल भी बढ़ाया और संविधान की प्रस्तावना ही बदल दी, लेकिन अब यही कांग्रेस संविधान की दुहाई दे रही है।
बाबा साहेब को नहीं दिया भारत रत्न
संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का चित्र संसद के केंद्रीय कक्ष में नहीं लगने देने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसी कांग्रेस ने उन्हें भारत रत्न नहीं दिया। देश की वित्तीय व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का भी विरोध किया। आज सरकार की पहल पर आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। वहीं, कांग्रेस सरकार ने 1973 में आजादी के 25 वर्ष मनाने के लिए लाल किला में टाइम कैप्सूल लगाया और संसद में इस बारे में सवाल पूछने पर भी इसे रहस्य ही रखा। टाइम कैप्सूल को पांच हजार वर्ष तक संरक्षित रखने की बात कही गई।
अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया
वित्त मंत्री ने पंडित नेहरू के मॉडल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने डॉ. अरविंद पनगढ़िया द्वारा नेहरू के कार्यकाल की अर्थव्यवस्था पर लिखी गई पुस्तक का उल्लेख किया। कहा कि कांग्रेस ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया। चार महत्वपूर्ण दशक गंवा दिए। इसके चलते देश में आम लोगों की आय न्यूनतम स्तर पर बनी रही। कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया, लेकिन उसके कार्यकाल में गरीबी उन्मूलन नहीं हो सका।
- इस चर्चा की शुरुआत में संविधान सभा में शामिल 15 महिलाओं सहित 385 सदस्यों को श्रद्धांजलि देकर नमन किया गया।
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