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पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का युग खत्म : जयशंकर

नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का युग समाप्त हो गया है। उन्होंने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और मालदीव के साथ भारत के संबंधों पर भी चर्चा...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 30 Aug 2024 12:58 PM
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या, अब पाकिस्तान के साथ बातचीत का युग समाप्त : जयशंकर

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- पड़ोसी देश के साथ रिश्तों पर विदेश मंत्री की दो टूक

नई दिल्ली, एजेंसी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को भारत के अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का युग अब खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि हर कार्रवाई का नतीजा होता है और यह उसी के कर्म हैं।

दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर कहा, पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का युग अब समाप्त हो गया है। जहां तक ​​जम्मू-कश्मीर का सवाल है, धारा 370 खत्म हो गई है तो मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते पर विचार कर सकते हैं। मैं जो कहना चाहता हूं वह यह है कि हम निष्क्रिय नहीं हैं, और चाहे घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा लेती हों, किसी भी तरह से हम प्रतिक्रिया देंगे।

अफगानिस्तान के साथ हमारे मजबूत संबंध

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से जैसा भी हो अफगानिस्तान के साथ हमारे मजबूत संबंध हैं। उन्होंने कहा, जहां तक ​​अफगानिस्तान का सवाल है, वहां लोगों के बीच मजबूत संबंध हैं। वास्तव में, सामाजिक स्तर पर भारत के लिए एक निश्चित सद्भावना है। लेकिन जब हम अफगानिस्तान को देखते हैं, तो मुझे लगता है कि शासन कला की बुनियादी बातों को नहीं भूलना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि अमेरिका की मौजूदगी वाला अफगानिस्तान हमारे लिए अमेरिका की मौजूदगी के बिना अफगानिस्तान से बहुत अलग है।

हम उसे उसी की भाषा में जवाब देंगे :

जयशंकर ने कहा कि अब लोग कहते हैं कि भारत ही बातचीत नहीं चाहता है। कुछ हद तक यह सही भी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चाहे सकारात्मक या नकारात्मक चीजें करे, हम उसे उसी की भाषा में जवाब देंगे। मालूम हो कि भारत-पाकिस्तान के बीच दस साल से कूटनीतिक बातचीत लगभग बंद है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुके हैं।

बांग्लादेश के साथ आपसी हितों का आधार तलाशना होगा

बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद वहां के हालात सामान्य नहीं हुए हैं। ऐसे में बांग्लादेश के साथ रिश्ते को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत को बांग्लादेश के साथ आपसी हितों का आधार तलाशना होगा। यह स्वाभाविक है कि हमें तत्कालीन सरकार से बात करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा, बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद से हमारे रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं और यह स्वाभाविक है कि हम मौजूदा सरकार के साथ व्यवहारिक रहेंगे। हालांकि, हमें यह भी पहचानना होगा कि राजनीतिक परिवर्तन हो रहे हैं और वे विध्वंसकारी हो सकते हैं। और स्पष्ट रूप से हमें हितों की पारस्परिकता पर ध्यान देना होगा।

मालदीव से रिश्तों में स्थिरता की कमी

मालदीव के साथ भारत के रिश्ते हाल के समय में अच्छे नहीं रहे हैं। ऐसे में मालदीव के साथ रिश्ते को लेकर उन्होंने कहा, मालदीव के प्रति हमारे दृष्टिकोण में उतार-चढ़ाव रहा है। यहां स्थिरता की कमी है। हमारे मालदीव के साथ पुराने रिश्ते हैं। मालदीव में यह मान्यता है कि यह रिश्ता उनके लिए एक ताकत के जैसा है। यह रिश्ता उनके लिए इस समय बेहद जरूरी है क्योंकि वे आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

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