ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष में किया पांच करोड़ से अधिक दांवों का निस्तारण
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1.82 करोड़ रुपये से जुड़े 4.8 लाख दावों का निपटान किया है। मंत्री मनसुख मंडाविया के अनुसार, अब तक 5.8 करोड़ से अधिक दावों का निपटारा...
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- वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1.82 करोड़ रुपये से जुड़े 4.8 लाख दावों का किया गया निपटान नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सेवाओं को बेहतर करने की दिशा में चल रहे प्रयासों के बीच दावों को निपटाने की प्रक्रिया में तेजी आई है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया का कहना है कि चालू वित्तीय वर्ष में ईपीएफओ ने अब तक 5.8 करोड़ से अधिक दावों का निपटारा किया है जो 2.05 लाख करोड़ से अधिक धनराशि से संबंधित है। जबकि बीते वित्तीय वर्ष में 1.82 लाख करोड़ के 4.45 लाख दावों को निपटान किया गया था।
मंत्री ने कहा कि लगातार ईपीएफओ की सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है। संगठन से जुड़े सदस्यों को धनराशि की निकासी व अन्य सेवाओं में कोई परेशानी न हो, इसके लिए स्वत: दावा निपटान की सीमा और श्रेणी पर विशेष तौर पर ध्यान दिया गया है। पहले स्वत: दावा करने की सीमा 50 हजार रुपये थे, जिसे बढ़ाकर एक लाख किया गया है। स्वत: दावा निपटान के तहत भुगतान तीन दिन के अंदर सदस्य के खाते में कर दिया जाता है। यह भुगतान चालू वित्तीय वर्ष में करीब दोगुना (1.87 करोड़ रुपये) हो गया, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 89.52 लाख का भुगतान किया गया था। अब ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को अपने प्रोफाइल को स्वयं अपडेट करने की अनुमित दी गई है। इसी तरह से पीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है, जिससे नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता कम हुई है। इन सभी के चलते ईपीएफओ की सेवाओं में व्यापक सुधार किया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में ईपीएफओ की सेवाओं में और भी बड़ा बदलाव एवं सुधार देखने को मिलेगी।
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प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उठाए गए कदम
- अब 48 फीसदी दावे बिना नियोक्ता की मंजूरी के सीधे ईपीएफओ को भेजे जाते हैं।
- 44 फीसदी पीएफ ट्रांसफर स्वत: सिस्टम द्वारा किया जा रहा।
- अब सिर्फ आठ फीसदी मामलों में ही नियोक्ता की मंजूरी की जरूरत
- खारिज किए जाने के मामलों में भारी कमी आई।
- अब सिर्फ 1.11 फीसदी नियोक्ता और 0.21 फीसदी दावे ईपीएफओ कार्यालय द्वारा खारिज
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