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संपादित-- इंफो :: एम्स झज्जर में सप्ताहभर से कोई कोविड मरीज नहीं आया

नम्बर गेम - 582 कोरोना मरीज दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती हैं - 69 अस्पतालों

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 5 Feb 2021 05:00 PM
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- 582 कोरोना मरीज दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती हैं

- 69 अस्पतालों में एक भी कोरोना मरीज भर्ती नहीं हैं

- 750 बेड वाले झज्जर स्थित कैंसर अस्पताल में भी कोई कोविड मरीज नहीं

- 7000 कोरोना मरीजों का अब तक इलाज किया गया है झज्जर स्थित अस्पताल में

नई दिल्ली। वरिष्ठ संवाददाता

दिल्ली एम्स के मुख्य परिसर और झज्जर स्थित एम्स के कैंसर संस्थान कोरोना मरीजों से पूरी तरह खाली हो चुके हैं। झज्जर एम्स में जहां कैंसर मरीजों का इलाज शुरू हो गया है, वहीं एम्स दिल्ली के मुख्य परिसर में शुक्रवार से ओपीडी की सुविधा नियमित हो गई है। इसके पहले इन दोनों ही स्थानों पर बड़ी संख्या में कोविड मरीजों का इलाज किया गया।

10 महीने से था कोविड अस्पताल

एम्स के झज्जर स्थित 750 बेड वाले कैंसर संस्थान को 10 महीने पहले कोविड अस्पताल बनाया गया था। कोरोना काल में बड़ी भूमिका निभाने वाले अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर राकेश गर्ग ने बताया कि यहां अभी तक सात हजार कोरोना मरीजों का उपचार किया जा चुका है। 28 जनवरी के बाद से अस्पताल में एक भी कोरोना मरीज भर्ती नहीं है।

झज्जर में तीन वार्ड खोले गए

एम्स के झज्जर स्थित कैंसर संस्थान में कैंसर मरीजों का नियमित इलाज शुरू हो गया है। पिछले एक सप्ताह से यहां सर्जरी, रेडियोथेरेपी की सुविधा भी नियमित हो गई है। अभी यहां 40 बेड के तीन वार्ड मरीजों के लिए खोले गए हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने पर इन्हें बढ़ाया जाएगा।

20 फीसदी मरीजों को ऑफलाइन एप्वाइंटमेंट

एम्स दिल्ली के मुख्य परिसर में कोरोना का अभी कोई मरीज भर्ती नहीं हैं। यहां हर विभाग में 50 नए और 100 पुराने मरीजों को ओपीडी में परामर्श मिलना शुरू हो गया है। इनमें से 20 फीसदी मरीजों को ऑफलाइन एप्वाइंटमेंट भी मिल रहा है। इससे पहले कोरोना की वजह से एम्स में ओपीडी की सुविधा बंद कर दी गई थी। तीन महीने पहले यहां हर विभाग में 25 मरीजों को परामर्श देने के लिए कुछ प्रतिबंधों के साथ ओपीडी द्वारा शुरू हुई थी जो अब नियमित हो चुकी है।

अस्पतालों में कोरोना बेड खाली पड़े

दिल्ली के कई बड़े सरकारी अस्पतालों में अब कोरोना का कोई मरीज नहीं है। दिल्ली के दीपचंद बंधु में कोविड के लिए 20 बेड उपलब्ध हैं, लेकिन एक भी मरीज भर्ती नहीं है। वहीं, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 500 बेड कोरोना के मरीजों के लिए हैं, लेकिन एक भी मरीज नहीं है। बुराड़ी अस्पताल में 300 बेड उपलब्ध हैं लेकिन कोरोना का एक भी मरीज भर्ती नहीं है। वहीं लोकनायक में भी पिछले 48 घंटे में एक भी कोरोना मरीज भर्ती नहीं हुआ है। पहले से भर्ती कुछ कोरोना मरीजों का ही यहां इलाज हो रहा है।

डॉक्टर बोले, पीपीई किट पहनने से मुक्ति मिली

लंबे समय तक कोरोना महामारी से पीड़ित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने अस्पतालों में अब संक्रमितों के न होने से राहत की सांस ली है। आरएमएल के डॉक्टर सुमेध ने बताया कि उनके यहां बहुत कम कोरोना मरीज हैं। पहले कोविड वार्ड में पीपीई पहनकर काम करना पड़ता था। पसीने से तर बतर हो जाते थे। अब नॉन कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं। एहतियात अब भी बरत रहे हैं लेकिन पीपीई किट से राहत मिल गई है। वहीं एम्स के डॉक्टर अमरिंदर सिंह मल्ही ने उम्मीद जताई कि अगर लोगों ने एहतियात बरती तो जल्द ही पूरी दिल्ली कोरोनामुक्त हो जाएगी।

इन अस्पतालों में कोई कोरोना मरीज नहीं

एम्स झज्जर

एम्स, मुख्य परिसर

दीप चंद बंधु अस्पताल

राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल

आचार्य भिक्षु अस्पताल

सत्यवती हरिश्चंद्र अस्पताल

विमहंस अस्पताल

मैक्स पूर्वी/पश्चिमी ब्लॉक

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28 जनवरी से एम्स के झज्जर स्थित कैंसर संस्थान में एक भी मरीज नहीं आया है। अभी तक यहां सात हजार कोरोना मरीजों का इलाज किया गया है। लंबे समय बाद अस्पताल में कोरोना मरीजों के न आने से राहत मिली है।

- डॉक्टर राकेश गर्ग, एसोसिएट प्रोफेसर, एनेस्थेसिया विभाग, एम्स

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