ताडोबा अंधारी में बाघ सफारी मुहैया कराने वाली कंपनी के प्रर्वतकों पर छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के एक बाघ अभयारण्य में सफारी शुल्क एकत्र करने वाली कंपनी पर 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान 1.42 करोड़ रुपये के आभूषण और...
नई दिल्ली एजेंसी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के एक बाघ अभयारण्य में सफारी शुल्क एकत्र करने वाली एक कंपनी के प्रवर्तकों के कई स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई राज्य सरकार के साथ 12 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में की गई। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि यह छापेमारी 8 और 9 जनवरी के बीच चंद्रपुर और नागपुर के पड़ोसी जिलों में की गई। छापेमारी के दौरान 1.42 करोड़ रुपये के सोने, हीरे और प्लेटिनम के आभूषण और सोना-चांदी के अलावा संपत्ति के दस्तावेज भी जब्त किए गए। वाइल्ड कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस (डब्ल्यूसीएस) नामक कंपनी के मालिकों अभिषेक विनोद कुमार ठाकुर और रोहित विनोद कुमार ठाकुर से जुड़ी संस्थाओं के सात परिसर खंगाले गए। ईडी ने कहा कि डब्ल्यूसीएस और ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व के बीच दिसंबर 2021 में एक समझौता हुआ था। समझौते के अनुसार इस कंपनी को आगंतुकों के प्रवेश शुल्क, जिप्सी शुल्क और गाइड शुल्क एकत्र करने के लिए नियुक्त किया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि कंपनी के मालिकों ने समझौते का उल्लंघन कर 2020-21 से 2023-24 के दौरान 12.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। एजेंसी ने दावा किया कि डब्ल्यूसीएस के निदेशकों ने धोखाधड़ी के पैसों से निजी संपत्तियां खरीदी और अन्य संस्थाओं के नाम पर लिए गए पिछले ऋणों का भुगतान किया।
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