Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीDTC Employees Protest for Job Security and Better Working Conditions in Delhi

डीटीसी के संविदा कर्मचारियों ने दिया धरना

दिल्ली में डीटीसी के संविदा कर्मचारियों ने स्थायी नौकरी और बसों की संख्या बढ़ाने की मांग को लेकर धरना दिया। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों में उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे चक्का जाम...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 13 Nov 2024 08:32 PM
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नोट: खबर के साथ फोटो भी है। ...... - डीटीसी मुख्यालय के बाहर दोपहर तीन बजे तक डटे रहे कर्मचारी

- 15 दिनों में मांगें पूरी न होने पर चक्का जाम की चेतावनी दी

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। एक-डेढ़ दशक से डीटीसी में संविदा पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों ने स्थायी किए जाने और प्राइवेट ऑपरेटरों की बजाय डीटीसी की बसों को बढ़ाए जाने समेत कई मांगों के लिए धरना दिया। डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के नेतृत्व में एकजुट हुए कर्मचारी सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक डीटीसी के मुख्यालय पर डटे रहे। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के नेताओं ने भी कर्मचारियों के धरने में पहुंचकर समर्थन दिया।

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने कहा कि 10-15 साल से लगातार काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को स्थायी किए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। इन कर्मचारियों ने जीवन का स्वर्णिम काल डीटीसी को दे दिया है, लेकिन विभाग ने इनकी भलाई के लिए कुछ नहीं किया है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने कर्मचारियों को स्थायी करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि इन संविदा कर्मचारियों से 12 घंटे ड्यूटी कराई जा रही है, लेकिन ओवरटाइम नहीं दिया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से डीटीसी का अस्तित्व संकट में हैं। डीटीसी की बसों की संख्या कम हो रही है और प्राइवेट ऑपरेटरों की बसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 15 दिनों में मांगों को पूरा नहीं किया गया तो काम बंद करके बसों का चक्का जाम किया जाएगा।

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कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

- अनुकंपा आश्रित कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।

- डिम्ट्स की तरह डीटीसी अनुबंध कर्मचारियों को यात्रा भत्ता और 15 दिन की सीएल दी जाए।

- कर्मचारियों की ड्यूटी के लिए 8:30 घंटे निर्धारित किए जाएं। ओवर टाइम के लिए दोगुना वेतन दिया जाए।

- इलेक्ट्रिक बसों से बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर डीटीसी के अनुभवी ड्राइवरों को ही इन बसों का संचालन सौंपा जाए।

- डीटीसी में 60 फीसदी कर्मचारी स्थायी रखे जाएं।

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