कार्यकारी परिषद की बैठक में हंगामे के आसार
- शिक्षा मंत्रालय के सर्कुलर का डीयू के शिक्षक कर रहे हैं विरोध
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय में सोमवार कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक होने वाली है। इसमें शिक्षक प्रतिनिधि कई मुद्दों पर हंगामा कर सकते हैं। शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि ईसी के एजेंडे में शामिल मांगों से नाराज हैं। शिक्षक प्रतिनिधि अमन कुमार का कहना है कि डीयू की कार्यकारी परिषद में शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि को शामिल करना अस्वीकार्य है क्योंकि इससे विश्वविद्यालय के दिन-प्रतिदिन के निर्णय लेने में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ेगा। साथ ही विश्वविद्यालय की स्वायत्तता की अवधारणा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कार्यकारी परिषद में पहले से ही विजिटर और चांसलर के प्रतिनिधि हैं जो हर चीज का ध्यान रख सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में विश्वविद्यालय को मौरिस नगर पुलिस स्टेशन के लिए एक रुपये प्रति माह की दर से भूमि का लीज नहीं बढ़ाना चाहिए और दिल्ली विश्वविद्यालय की भूमि को खाली करने के लिए पुलिस आयुक्त से अनुरोध करना चाहिए। विश्वविद्यालय में छात्रावासों और कर्मचारियों के लिए आवासों की कमी है। इसमें नई अवसंरचना के निर्माण की आवश्यकता है। इस भूमि पर छात्रों के लिए नए छात्रावास और स्टाफ क्वार्टर बनाए जा सकते हैं।
शिक्षक संगठन फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के अध्यक्ष हंसराज सुमन ने बताया है कि शिक्षा मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर अपने अधीन आने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों की कार्यकारी परिषद में शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों को शामिल किए जाने का अनुरोध किया है। सर्कुलर में कहा गया है कि शिक्षा मंत्रालय ने अपने अधीन आने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों के मौजूदा प्रशासनिक ढांचे की समीक्षा की है और इन संस्थानों की कार्यकारी परिषद (ईसी ) में मंत्रालय के प्रतिनिधित्व में असमानता देखी है।
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