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डीयू में परीक्षा मूल्यांकन दरों को बढ़ाने की तैयारी

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता डीयू में परीक्षा मूल्यांकन शुल्क दरों की समीक्षा, बढ़ोतरी

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 25 Feb 2025 05:41 PM
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डीयू में परीक्षा मूल्यांकन दरों को बढ़ाने की तैयारी

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता डीयू में परीक्षा मूल्यांकन शुल्क दरों की समीक्षा, बढ़ोतरी की सिफारिश

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता

दिल्ली विश्वविद्यालय में परीक्षा मूल्यांकन सहित अन्य दरों में बढोतरी की तैयारी है। डीयू द्वारा गठित समिति के बाद पुरानी दरों की समीक्षा कर नई दर लागू करने का सुझाव दिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय की वित्त समिति द्वारा परीक्षा मूल्यांकन और पुनर्मूल्यांकन शुल्क की समीक्षा के लिए गठित समिति की बैठक में दिए गए सुझावों को 27 फरवरी को डीयू में आयोजित कार्यकारी परिषद की बैठक में लागू करने पर मुहर लग सकती है।

बताया जा रहा है यह दरें लंबे समय से लंबित हैं। समिति ने उल्लेख किया कि परीक्षा आयोजन से जुड़े शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की पारिश्रमिक दरों में पिछली बार 2017 में संशोधन किया गया था। हालांकि, इससे पहले 1997, 2005 और 2009 में भी संशोधन किए गए थे। विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के अनुसार, इन दरों की समीक्षा हर तीन वर्षों में की जानी चाहिए थी, लेकिन परीक्षा आयोजन से संबंधित दरों को पिछले सात वर्षों और मूल्यांकन-पुनर्मूल्यांकन दरों को 15 वर्षों से संशोधित नहीं किया गया।

मूल्यांकन शुल्क दरों में संशोधन की सिफारिश

बैठक में समिति ने मूल्यांकन, पुनर्मूल्यांकन और परीक्षा संचालन के लिए पारिश्रमिक दरों में संशोधन की सिफारिश की। प्रस्तावित दरों के अनुसार, प्रश्नपत्र तैयार करने का शुल्क सभी पाठ्यक्रमों के लिए तीन घंटे की अवधि के लिए 900 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की सिफारिश की गई है, जबकि दो घंटे की अवधि के लिए यह 600 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया जाएगा।

समिति ने निष्कर्ष निकाला कि इन दरों में संशोधन न केवल शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की मेहनत का उचित मुआवजा सुनिश्चित करेगा, बल्कि परीक्षा प्रक्रिया को भी अधिक प्रभावी बनाएगा। अब यह प्रस्ताव कार्यकारी परिषद के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

डीयू कोर्ट मेंबर अमन कुमार ने बताया कि जो भी राशि शिक्षक को मिलती है उसमें से 5 फीसद काट कर उसे दिया जाता है। यह 5 फीसद शिक्षकों के हित में लगाया जाता है। 1975 का एक निर्णय इस बाबत लिया गया था। जिसमें 40 साल ये पहले यदि शिक्षक के साथ अनहोनी होती है तो उसे अधिकतम दिया जाएगा। इसी तरह तीन श्रेणियां आयु की और उसके अनुसार राशि की बनी थी। हालांकि बाद में इसमें संशोधन कर राशि को बढ़ा दिया गया है। इस बार कार्यकारी परिषद की बैठक में यह मुद्दा भी आएगा। हमारी मांग है कि डीयू प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि डीयू के सभी विभाग यह राशि अपने शिक्षकों को दें। ऐसा देखा गया है कि कुछ विभाग यह राशि नहीं दे रहे हैं।

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