दिल्ली पुलिस ने सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी की जमानत याचिका का किया विरोध
दिल्ली पुलिस ने 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के मामले में मकोका मामले में सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना मारिया पॉलोज की जमानत याचिका का विरोध किया। पुलिस ने कहा कि लीना के दुबई भागने की संभावना है।...
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली पुलिस ने 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के मामले से जुड़े मकोका मामले में सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना मारिया पॉलोज की जमानत याचिका का दिल्ली उच्च न्यायालय में विरोध किया। पुलिस ने उसकी जमानत याचिका पर जवाब दाखिल किया और कहा कि अगर उसे जमानत दी गई तो वह दुबई भाग सकती हैं। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने मामले को 12 सितंबर को दिल्ली पुलिस की दलीलों पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। पीठ ने लीना मारिया पॉलोज के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पैस की दलीलें सुनीं। उन्होंने अधिवक्ता अनंत सिंह मलिक के माध्यम से जमानत याचिका दायर की। अपने जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा कि लीना के परिवार के सदस्य (बहन और बहनोई) दुबई में बसे हुए हैं। इतना ही नहीं लीना की परवरिश भी दुबई में हुई है। पुलिस ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि अगर उन्हें जमानत दी गई तो वह मामले की सुनवाई से बचने के लिए दुबई भाग सकती हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आरोपी लीना अपराध गिरोह में सक्रिय रूप से शामिल थी। उसका पति सुकेश चंद्रशेखर गिरोह का मुख्य मास्टरमाइंड और सरगना है। पति-पत्नी दोनों ने पहले भी वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करके कई लोगों को ठगा है।
दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपी केरल में बहुत प्रभावशाली है क्योंकि उसने केरल, चेन्नई और बेंगलुरु के विभिन्न क्षेत्रों में जबरन वसूली गई धनराशि का निवेश किया है। यह भी कहा गया है कि पूरी वसूली गई धनराशि की जब्ती के संबंध में जांच अभी भी जारी है। मामले के कई साजिशकर्ता अभी भी फरार हैं। यह भी उल्लेख करना उचित है कि आरोपी की जमानत याचिका पहले ही सुनवाई अदालत द्वारा 2 नवंबर 2022 और 09 दिसंबर 2023 को दो बार खारिज की जा चुकी है। दिल्ली पुलिस ने अनुरोध किया कि सजा की गंभीरता, आरोपी द्वारा गवाहों को प्रभावित करने की संभावना, जमानत की अवधि पार करने की आशंका और एमसीओसी अधिनियम की धारा 21 (4) के प्रावधानों को देखते हुए आरोपी लीना पॉलोज की जमानत याचिका खारिज की जाए। लीना पर दिल्ली पुलिस द्वारा वर्ष 2021 में दर्ज एक मामले में मामला दर्ज किया गया है। वह तीन साल से अधिक समय से हिरासत में है। दिल्ली पुलिस ने इस आधार पर जमानत याचिका का विरोध किया कि मामला बहुत संवेदनशील है। मामला आरोप तय करने के महत्वपूर्ण चरण में है। यह एक ऐसा मामला है जिसमें एक पूरे सिंडिकेट ने गहरी, सुनियोजित साजिश के तहत शिकायतकर्ता से 217 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की व जबरन वसूली की है।
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