पैरोल लेकर एक साल से फरार सीरियल किलर गिरफ्तार
::शिकंजा:: --90 दिनों की पैरोल लेकर जेल से बाहर निकला था चंद्रकांत झा --उसकी
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पैरोल लेकर एक साल से फरार चल रहे सीरियल किलर चंद्रकांत झा को गिरफ्तार किया है। तिहाड़ जेल के बाहर सिर कटी लाश फेंकने के मामलों में उसे वर्ष 2007 में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में मरते दम तक उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था। अक्तूबर 2023 में वह 90 दिन की पैरोल लेकर जेल से बाहर निकला और इसके बाद से फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। अतिरिक्त आयुक्त संजय सेन के अनुसार कुछ माह पहले तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से ऐसे अपराधियों एवं विचाराधीन कैदियों की सूची दिल्ली पुलिस को दी गई जो जमानत या पैरोल लेकर फरार हो गए। इसमें चंद्रकांत झा का भी नाम शामिल था। वर्ष 2003-07 के दौरान कई लोगों की हत्या कर चंद्रकांत ने उनकी सिर कटी लाश को तिहाड़ जेल के बाहर फेंका था। इसके साथ ही वह एक चिट्ठी भी डालता था, जिसमें दिल्ली पुलिस को पकड़ने के लिए चुनौती देता था।
वर्ष 2007 में पश्चिमी जिला पुलिस ने उसे अलीपुर इलाके से गिरफ्तार किया था। तीन मामलों में अदालत ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है। वह तिहाड़ जेल से अक्तूबर 2023 में पैरोल पर बाहर निकला और फरार हो गया। जेल प्रशासन से मिली सूचना पर अपराध शाखा की टीम उसके बारे में जानकारी जुटा रही थी। पुलिस को पता चला कि संदिग्ध पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास हो सकता है। इस जानकारी पर एसीपी रमेश लंबा और इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन की टीम ने छापा मारकर उसे शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है।
पूछताछ में चंद्रकांत ने पुलिस को बताया कि वह लंबे समय से जेल में बंद है। वह दोबारा जेल नहीं जाना चाहता था। इसलिए वह बीते डेढ़ साल से फरार चल रहा था। इस दौरान वह अभी अलीपुर स्थित अपने घर, कभी मधेपुरा स्थित अपने गांव और कभी आजादपुर मंडी के पास रहा है। शुक्रवार को भी वह रेलगाड़ी में सवार होकर बिहार जाने वाला था, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। सीरियल किलर चंद्रकांत झा छोटी-छोटी बातों पर लोगों की जान लेता था। उसके किरदार को लेकर 2022 में नेटफ्लिक्स ने एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई थी। इसमें दिखाया गया था कि वह कैसे अपराध करता और पुलिस किस तरह उसे पकड़ने में कामयाब रही।
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नौ वर्षों में सात लोगों की जान ली
- वर्ष 1998 में उसने आदर्श नगर इलाके में मंगल उर्फ औरंगजेब की हत्या कर उसके शव के टुकड़े अलग-अलग जगह फेंक दिए थे।
- जून 2003 में उसने झूठ बोलने एवं शराब पीने की लत के चलते शेखर की हत्या कर दी।
- नवंबर 2003 में उसने झूठ बोलने के चलते उमेश की हत्या की और उसकी सिरकटी लाश तिहाड़ जेल के बाहर फेंक दी।
- नवंबर 2005 में उसने गांजा पीने के चलते गुड्डू की हत्या कर दी और उसका शव सुलभ शौचालय मंगोलपुरी के पास फेंक दिया।
-अक्तूबर 2006 में महिलाओं से दोस्ती की आदत के चलते अमित की हत्या कर दी और उसकी सिरकटी लाश तिहाड़ जेल के बाहर फेंक दी।
-अप्रैल 2007 में उसने अपने दोस्त की बेटी से प्रेम प्रसंग करने के चलते उपेन्द्र नामक युवक की हत्या कर दी थी।
-मई 2007 में उसने मांसाहारी भोजन करने के चलते दिलीप की हत्या कर दी और उसके शव को तिहाड़ जेल के बाहर फेंक दिया।
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