सहूलियत : ओखला में बसी नई आबादी को सीवर कनेक्शन मिलेंगे
दिल्ली जल बोर्ड ने ओखला में 564 एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया है। इससे ओखला और आसपास की कॉलोनियों की सीवर समस्या खत्म होगी। जल बोर्ड एनजीओ के जरिए लोगों को जागरूक कर रहा है। यह एसटीपी...
नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। ओखला में दिल्ली जल बोर्ड ने 564 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया है। इसके जल्द ही शुरू हो जाने से इस क्षेत्र की सीवर समस्या खत्म हो जाएगी। इससे ओखला और इसके आसपास की ऐसी कॉलोनियों के घरों को भी सीवर लाइनों से जोड़ा जाएगा, जिनमें अब तक सीवर कनेक्शन नहीं है। जल बोर्ड एक एनजीओ के जरिए ओखला और इससे सटी कॉलोनियों में लोगों को सीवर कनेक्शन लेने के लिए जागरूक कर रहा है।। ये टीमें सीवर कनेक्शन लेने के फायदे और यमुना पर होने वाले असर की भी जानकारी दे रही हैं। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस एसटीपी का संचालन शुरू हो जाने से ओखला और आसपास के क्षेत्र की तकरीबन 40 लाख की आबादी को फायदा मिलेगा। इससे न केवल नई कॉलोनियों में घरों को सीवर कनेक्शन मिलेंगे, बल्कि पुराने एसटीपी पर भी लोड कम हो जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि कनेक्शन लेने के लिए लोगों को दिल्ली जल बोर्ड के आरएमएस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा या क्षेत्रीय कार्यालय पर जाकर एप्लीकेशन देनी होगी। इसके बाद निर्धारित प्रक्रियाओं को पूरा कराकर सीवर कनेक्शन दे दिए जाएंगे।
यमुना की सफाई में बड़ी भूमिका निभाएगा यह एसटीपी
यह एसटीपी रोजाना 56.40 करोड़ लीटर सीवरेज को शोधित करेगा। शोधित पानी में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 10 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होगी। यह पानी पीने के काम तो नहीं आ सकता, लेकिन खेतों की सिंचाई में काम लिया जा सकता है।
दावा : एशिया का सबसे बड़ा एसटीपी
दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, ओखला में बनाया जा रहा यह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एशिया में सबसे बड़ा होगा। आमतौर पर 214 एमएलडी क्षमता या इससे छोटे एसटीपी बनाए जाते हैं, लेकिन इसकी क्षमता 564 एमएलडी की होगी। दावा है कि यह दुनिया का चौथा इतना विशालकाय एसटीपी होगा।
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