हत्या के मामले में दोषी की सजा रद्द
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाताÜ। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को हत्या के आरोप से
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को हत्या के आरोप से बरी कर दिया है। शख्स को कूड़ा बीनने वाले धर्मपाल की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। दोषी को सत्र अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में झूठा चश्मदीद गवाह पेश किया गया। हथियार की बरामदगी भी संदिग्ध है। रक्त के नमूने की डीएनए रिपोर्ट पूरी तरह से मेल नहीं खाती थी। यह घटना 24 मार्च 2012 की है। सफदरजंग एन्क्लेव इलाके में अपीलकर्ता ने कथित तौर पर एक व्यक्ति की चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह एवं अमित शर्मा की खंडपीठ ने अपीलकर्ता पीतांबर बिस्वा कर्मा को बरी करते हुए सत्र अदालत के फैसले व सजा के आदेश को खारिज कर दिया है। दोषी को बरी करते हुए उच्च न्यायालय ने जांच और हथियार की बरामदगी को लेकर चिंता जताई है। उच्च न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपीलकर्ता के मामले को उचित संदेह से परे साबित नहीं कर पाया है। इन परिस्थितियों में 19 नवंबर 2022 के फैसले के आदेश और एक मार्च 2023 को दी गई सजा को रद्द किया जाता है।
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