कैबिनेट के फैसलों पर पहले एलजी की राय लें : मुख्य सचिव
::निर्देश:: - कामकाज के नियमों का हवाला देते हुए सभी विभागों के सचिवों को लिखा
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव को निर्देश दिया है कि वे कैबिनेट के फैसले लागू करने से पहले एलजी की राय जरूर लें। मुख्य सचिव ने अपने पत्र में अधिकारियों से कहा कि वे कैबिनेट प्रस्तावों की तैयारी, परामर्श, चर्चा, निर्णय और फिर क्रियान्वयन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के कामकाज के नियम (टीबीआर) का पालन जरूर करें। इसमें लिखा है कि कोई भी आदेश लागू करने से पहले मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के माध्यम से उसे एलजी के समक्ष उनकी राय के लिए प्रस्तुत किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने लिखित निर्देश में कहा है कि यह समाज के किसी विशिष्ट समूह या वर्ग को ध्यान में रखकर बनाई गई कोई भी कल्याणकारी नीति, कार्यक्रम या योजना, जिसमें किसी विशेष समुदाय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग या किसी अन्य वर्ग के लोगों का हित शामिल है, उसपर आगे कोई भी कार्रवाई करने से पहले राय लेने का प्रावधान नियमों में शामिल है। पत्र में कहा गया है कि सभी प्रशासनिक सचिव की जिम्मेदारी है कि वे कल्याणकारी योजना के संबंध में कैबिनेट नोट तैयार करते समय कामकाज के नियम और जीएनसीटीडी अधिनियम, 1991 का पालन करें।
मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने आगे लिखा कि कैबिनेट का कोई भी नोट तैयार करते समय उसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के आधार पर उसे लागू करने से पहले एलजी की राय प्राप्त करने के लिए प्रावधान है या नहीं। उन्होंने कहा कि पहले निर्देश दिया गया था कि कैबिनेट नोट तैयार करने के लिए कैबिनेट सचिवालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। विशेष रूप से, कैबिनेट नोट का मसौदा तैयार करते समय उसके कार्यान्वयन, वित्तीय खर्च और समय सीमा के तौर-तरीकों को स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए। अधिकारियों को अंत में निर्देश दिया गया है कि वह एक पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करें।
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