मेधा पाटकर को राहत, 25 हजार के मुचलके पर रिहा
दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में मेधा पाटकर को साकेत जिला अदालत से राहत मिली है। अदालत ने उन्हें 25 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा किया। मामले की अगली सुनवाई 3 मई...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में मेधा पाटकर को साकेत जिला अदालत से राहत मिल गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विपिन खरब की अदालत ने पाटकर को 25 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा करते हुए मामले में अगली सुनवाई तीन मई को तय की है। इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पाटकर की सजा को रद्द कर दिया। पाटकर की ओर से दोषसिद्धि के खिलाफ नए सिरे से याचिका दायर की गई है। इस पर 20 मई को सुनवाई होगी। अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को निजामुद्दीन से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें दोपहर में साकेत जिला अदालत में पेश किया गया। अदालत ने मौखिक रूप से मुचलका जमा करने की शर्त पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। बता दें कि निर्धारित तिथि पर परिवीक्षा की शर्तों के आदेश का पालन करने में विफल रहने के बाद उनके खिलाफ 23 अप्रैल को गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।
23 साल पुराना मामला
वीके सक्सेना ने यह मामला साल 2001 में दर्ज कराया था। जब वह अहमदाबाद स्थित एनजीओ 'नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज' के प्रमुख थे। सक्सेना ने कहा था कि मेधा पाटकर ने 25 नवंबर 2000 को जारी एक प्रेस नोट में उन्हें कायर और देश विरोधी होने और उन पर हवाला लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाया था।
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