जलभराव हुआ तो अफसरों पर होगी कार्रवाई : मुख्यमंत्री
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मानसून के दौरान जलभराव रोकने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने एक सप्ताह में कार्ययोजना पेश करने का निर्देश दिया और जलभराव स्थलों की निगरानी के लिए नोडल...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मानसून के दौरान जलभराव रोकने की तैयारियों को लेकर गुरुवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को एक सप्ताह में पूरी कार्ययोजना पेश करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जलभराव पर अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। बैठक में लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा भी मौजूद थे। बैठक में ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि 445 स्थान जलभराव के लिहाज से चिह्नित किए गए हैं। इनमें 335 स्थान पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आते हैं। इनमें से 284 स्थानों पर कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि शेष को तय समय पर पूरा करने का निर्देश दिया गया है। इन चिह्नित स्थानों में सात स्थान अति संवेदनशील हैं। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों के सहयोग से व्यापक सर्वेक्षण कर वास्तविक हालात का मूल्यांकन करने और त्वरित समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश पीडब्लूडी को दिया है। ट्रैफिक पुलिस के द्वारा चिह्नित जलभराव क्षेत्रों तक सीमित न रहते हुए, अन्य संभावित और प्रभावित इलाकों की भी पहचान करने को कहा है।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में हर साल बरसात के दौरान जलभराव की समस्या एक गंभीर चुनौती रही है, जिससे निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। नालों की सफाई, ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत और निगरानी व्यवस्था तय की गई है। उन्होंने बताया कि जलभराव वाले जगहों पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है। इसके तहत जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर को फील्ड स्तर पर नामित अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। सात अति संवेदनशील जलभराव वाले स्थलों की सीधी निगरानी की जिम्मेदारी प्रमुख सचिव और इंजीनियर-इन-चीफ को दी गई है।
लापरवाही पर निलंबित होंगे अधिकारी : प्रवेश वर्मा
बैठक में मौजूद पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि 335 जलभराव वाले स्थान लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आते हैं। वहां की निगरानी के लिए जेई, एई की तैनाती की गई है। उनके ऊपर इंजीनियर को समीक्षा अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर 335 स्थानों पर कहीं भी जलभराव की समस्या आती है, तो सीधी जिम्मेदारी वहां तैनात जेई, एई की होगी। उन्हें निलंबित करने में देरी नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि नालों की सफाई का काम तेजी से चल रहा है। पीडब्ल्यूडी को 1400 किलोमीटर के नालों की सफाई करनी है, जिसमें 50 किलोमीटर से अधिक की सफाई हो चुकी है। हमने 31 मई तक नालों की सफाई का लक्ष्य रखा है।
मानसून से पहले सड़कों की होगी मरम्मत
बैठक में सड़कों के मरम्मत कार्य को लेकर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में मानसून से पहले सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इसमें पीडब्ल्यूडी के तहत 101 सड़कों की सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिन्हें मानसून से पहले पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, राजधानी में सड़क पर मौजूद गड्ढों के मरम्मत कार्य को भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है।
यह है स्थिति
- 445 जलभराव वाली जगह चिह्नित की गई
- 335 जलभराव वाले स्थान पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आते हैं
- 31 मई तक नालों की सफाई का रखा गया है लक्ष्य।
- 07 स्थान जलभराव के लिहाज से अतिसंवेदनशील
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