सरकारी स्कूलों को शानदार बनाया : आतिशी
रोहिणी सेक्टर-27 में मुख्यमंत्री आतिशी ने एक नए स्कूल का उद्घाटन किया, जिसमें 121 कमरे, 10 प्रयोगशालाएं और केंद्रीय पुस्तकालय जैसी सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार से...
नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। रोहिणी सेक्टर-27 स्थित पॉकेट सी-2 में मुख्यमंत्री आतिशी ने गुरुवार को नया स्कूल छात्रों को समर्पित किया। इस स्कूल में 121 कमरे, दस अत्याधुनिक प्रयोगशाला, केंद्रीय पुस्तकालय, एमपी हॉल सहित कई दूसरी सुविधाएं छात्रों के लिए उपलब्ध है। इस मौके पर मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि सरकारी स्कूलों को शानदार बनाकर साबित कर दिया है कि अच्छी शिक्षा पाकर अब गरीब का बच्चा भी आगे बढ़ेगा। लोग दिल्ली में सपना लेकर आते हैं
सीएम ने कहा कि देशभर से लोग दिल्ली में अपने बच्चों को अच्छी जिंदगी देने का सपना लेकर आते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी के सपने को पूरा करने का काम किया है। गरीब परिवारों के बच्चों को ऐसे स्कूल और शिक्षा आगे भी मिलती रहे, इसके लिए फरवरी में दोबारा दिल्लीवालों को शिक्षा पर काम करने वाली सरकार चुननी होगी।
अब स्कूल के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा
आतिशी ने कहा कि रोहिणी सेक्टर-27 में रहने वाले बच्चों को यहां से 10-15 किलोमीटर दूर शाहबाद दौलतपुर के स्कूल में पढ़ने के लिए जाना पड़ता था, लेकिन इस स्कूल की बदौलत अब यहां रहने वाले बच्चों को पढ़ने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। 2015-16 में जब अरविंद केजरीवाल यहां लोगों के बीच आए थे तब यहां लोगों ने अपने बच्चों के लिए एक स्कूल की मांग की थी। शानदार स्कूल बनाकर इस वादे को पूरा करने का काम किया है।
शिक्षा को प्राथमिकता दिया
आतिशी ने कहा कि सरकारें दिल्ली में पहले भी रही हैं। यह दिल्ली की पहली ऐसी सरकार बनी जिसने शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाया। दिल्ली में लोग देश के अलग-अलग हिस्से से अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद में आते है। बच्चों को अच्छा भविष्य देने के लिए सुबह से शाम तक मेहनत करते हैं। कोई भी परिवार सबसे ज्यादा खर्च अपने बच्चों की शिक्षा पर करता है। आम आदमी पार्टी की सरकार बजट का 25 फीसदी शिक्षा पर खर्च कर रही है।
2015 से पहले स्कूल थे बदहाल
सीएम ने कहा कि 2015 से पहले दिल्ली के सरकारी स्कूल बदहाल होते थे। स्कूल में घुसते ही सबसे पहले शौचालय की बदबू आती थी। बरसात में छत से पानी टपकता था। सर्दियों में टूटी हुई खिड़कियों से ठंडी हवा आती थी। बच्चों के लिए पीने का पानी नहीं होता था। बैठने के लिए टेबल-कुर्सी नहीं होते थे।
दस साल में 22 हजार से ज्यादा कमरे बनवाए
उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर 2015 तक कई सरकारें आई और गईं, लेकिन 75 सालों में इन सरकारों ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में मात्र 24 हजार कमरे बनवाए। दस सालों में दिल्ली सरकार के स्कूलों में 22 हजार से ज्यादा नए कमरे बनवाए गए हैं।
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