Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsDefense Minister Rajnath Singh Hoists 108-Foot Flag in Akhnoor Inaugurates Historical Museum

पीओके के बिना जम्मू-कश्मीर अधूरा: राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू के अखनूर में 108 फुट ऊंचा तिरंगा फहराया और एक ऐतिहासिक संग्रहालय का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के बिना अधूरा है और...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 14 Jan 2025 07:10 PM
share Share
Follow Us on

- रक्षा मंत्री ने जम्मू के अखनूर सीमावर्ती क्षेत्र में 108 फुट ऊंचा तिरंगा फहराया, ऐतिहासिक संग्रहालय का उद्घाटन किया अखनूर/जम्मू, एजेंसियां। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के बिना अधूरा है। रक्षा मंत्री ने पड़ोसी देश को वहां आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों के खिलाफ चेतावनी भी दी। राजनाथ सिंह यहां अखनूर सेक्टर के टांडा आर्टिलरी ब्रिगेड में नौवें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस रैली को संबोधित कर रहे थे।

राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के लोगों के बीच दूरी कम करने के प्रयासों के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार दिल्ली और कश्मीर के साथ समान व्यवहार करती है। उन्होंने कहा, अतीत में कश्मीर के साथ (पिछली सरकारों द्वारा) अलग व्यवहार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र के हमारे भाई-बहन दिल्ली से उस तरह नहीं जुड़ सके, जैसा उन्हें जुड़ना चाहिए था। मैं अतीत में नहीं जाना चाहता, क्योंकि हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि हम कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच दिलों की दूरी को पाटने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को इस छोटे से अंतर (जो अब भी मौजूद है) को दूर करने को सही कदम उठाने के लिए बधाई देता हूं।

रक्षा मंत्री ने भारत के खिलाफ टिप्पणी के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक की आलोचना की। साथ ही कहा कि पीओके के बिना जम्मू-कश्मीर अधूरा है। उन्होंने कहा कि पीओके पाकिस्तान के लिए एक विदेशी क्षेत्र से ज्यादा कुछ नहीं है। पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के कारोबार को चलाने के लिए किया जा रहा है। पीओके में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर चलाए जा रहे हैं। पाकिस्तान को इसे नष्ट करना होगा।

रक्षा मंत्री ने कहा, पाकिस्तान 1965 से ही अवैध घुसपैठ और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। सीमा पार आतंकवाद 1965 में ही समाप्त हो गया होता, लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार युद्ध में प्राप्त सामरिक लाभ को रणनीतिक लाभ में बदलने में असमर्थ रही। उन्होंने पूर्व सैनिकों को मकर संक्रांति और नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं और कहा कि अखनूर में उनकी उपस्थिति यह दर्शाती है कि हम अपने दिल में अखनूर या कश्मीर को दिल्ली के समान ही महत्व देते हैं। मालूम हो कि अखनूर में भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में युद्ध लड़ा गया था। भारत ने पाकिस्तानी सेना के प्रयासों को विफल कर दिया था।

इससे पहले रक्षा मंत्री ने जम्मू के अखनूर सीमा क्षेत्र में 108 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया और एक धरोहर संग्रहालय का उद्घाटन भी किया। इस संग्रहालय में जम्मू-कश्मीर में विभिन्न युद्धों में इस्तेमाल किए गए हथियारों और युद्ध नायकों की मूर्तियों का प्रदर्शन किया गया है। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि संग्रहालय में जम्मू-कश्मीर में अनेक युद्धों में इस्तेमाल किए गए हथियारों और युद्ध के नायकों की मूर्तियों को प्रदर्शित किया गया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें