समान विचारधारा वाले देश शांति के लिए साथ आएं: राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में राजदूतों की गोलमेज बैठक को संबोधित करते हुए समान विचारधारा वाले देशों से शांति और समृद्धि के लिए एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने एयरो इंडिया 2025 के आयोजन की...
- रक्षा मंत्री ने एयर शो ‘एयरो इंडिया 2025 से पहले राजदूतों की गोलमेज बैठक को संबोधित किया नई दिल्ली, एजेंसी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुनिया में चल रहे कई तरह के संघर्ष और चुनौतियों के मद्देनजर शुक्रवार को समान विचारधारा वाले देशों से शांति का प्रयास करने के लिए एकजुटता का आह्वान किया।
राजनाथ सिंह ने फरवरी में आयोजित किए जाने वाले रक्षा प्रदर्शनी और एयर शो ‘एयरो इंडिया 2025 से पहले यहां राजदूतों की गोलमेज बैठक को संबोधित किया। रक्षा मंत्री ने बैठक में आए विभिन्न देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों से कहा, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि समान विचारधारा वाले देश शांति और समृद्धि के लिए सामूहिक कार्रवाई के लिए मिलकर प्रयास करें। इनके बिना, हमारी आने वाली पीढ़ियां आज के युग में आर्थिक विकास या तकनीकी नवाचारों का लाभ नहीं उठा पाएंगी। उन्होंने कहा कि भारत विकासशील देशों की प्रमुख आवाज के रूप में उभर रहा है। हम अनेक देशों के सामूहिक दृष्टिकोण की वकालत करते हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच मार्गदर्शक सिद्धांतों, सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में समकालीन चुनौतियों का समाधान करते हुए आपसी समृद्धि और शांति तय करने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के बीच एकता को बढ़ावा देना जरूरी है। भारत ने हमेशा वसुधैव कुटुंबकम, ‘एक पृथ्वी, एक परिवार के मूल सिद्धांत के आधार पर साझा समृद्धि और साझा जिम्मेदारी का समर्थन किया है, जो 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन का विषय भी था।
‘एयरो इंडिया रणनीतिक साझेदारी बनाने का एक मंच
रक्षा मंत्री ने अगले माह बेंगलुरु में होने वाले एशिया के सबसे बड़े एयरो शो ‘एयरो इंडिया को एक ऐसा आयोजन बताया, जहां देश एक साथ आते हैं जो सीमाओं से परे एक बंधन में बंधे रहते हैं। इस आयोजन के पीछे के दृष्टिकोण के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों के लिए अपने उत्पादों तथा प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने के लिए मिलन स्थल साबित हुआ है। उन्होंने इसे विभिन्न उद्योगों के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त विकास और सह-उत्पादन के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में रणनीतिक साझेदारी बनाने के लिए एक मंच के रूप में परिभाषित किया। ‘एयरो-इंडिया का उद्देश्य भारत को रक्षा विनिर्माण के केंद्र के रूप में पेश करना है।
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