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स्कूल के लिए जमीन न देने पर डीडीए उपाध्यक्ष की खिंचाई

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता किराड़ी इलाके के प्रेम नगर में स्कूल खोलने के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 22 Jan 2021 06:30 PM
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नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता

किराड़ी इलाके के प्रेम नगर में स्कूल खोलने के लिए शिक्षा निदेशालय को जमीन आवंटित नहीं किए जाने पर उच्च न्यायालय ने गुरुवार को डीडीए उपाध्यक्ष को आड़े हाथ लिया। न्यायालय ने कहा कि आखिर स्कूल के लिए जमीन देने के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया।

जस्टिस नज्मी वजीरी ने डीडीए को जमीन देने के आदेश का पालन करने और इस बारे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अगली सुनवाई 2 मार्च से पहले डीडीए को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने आदेश के बाद भी स्कूल खोलने के लिए समुचित कदम नहीं उठाए जाने के आरोप में डीडीए उपाध्यक्ष और दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि नए स्कूल बनाने के आदेश को 15 महीने बीत जाने के बाद भी डीडीए और शिक्षा निदेशालय ने समुचित कदम नहीं उठाया है।

गैर सरकारी संगठन ने दायर की है याचिका :

गैर सरकारी संगठन ‘हमारा प्रयास सामाजिक उत्थान की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने याचिका में डीडीए उपाध्यक्ष अनुराग जैन और शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन पर जानबूझकर आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। संगठन की ओर से अधिवक्ता अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि प्रेम नगर में कोई भी सरकारी स्कूल नहीं है, ऐसे में हजारों बच्चों को रेलवे लाइन पार कर दूरदराज के इलाकों में स्थित स्कूलों में जाना पड़ता है। उन्होंने कहा है कि इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। याचिका में कहा गया है कि आसपास कोई स्कूल नहीं होने के चलते बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं।

सितंबर 2019 में आदेश दिया गया था

अधिवक्ता ने कहा है कि इसे ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने सितंबर 2019 में डीडीए और शिक्षा निदेशालय को प्रेम नगर में नया सरकारी स्कूल खोलने का आदेश दिया था। याचिका में कहा गया है कि न्यायालय ने डीडीए को स्कूल के लिए खाली जमीन तलाश कर जल्द से जल्द शिक्षा निदेशालय को आवंटित करने का निर्देश दिए थे, ताकि उस पर स्कूल बनाया जा सके। अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि डीडीए और शिक्षा निदेशालय ने आदेश के पालन कर स्कूल बनाने के दिशा में कोई समुचित कदम नहीं उठाया है। याचिका में कहा गया है कि स्कूल नहीं होने से प्रेम नगर के हजारों बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।

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