Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीCyber Fraudsters Impersonate CBI Officers to Con Swami Oswal of 7 Crores

साइबर जालसाजों ने वर्धमान समूह के चेयरमैन से सात करोड़ ठगे

- खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर वारदात की - फर्जी सुनवाई और गिरफ्तारी वारंट के

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 30 Sep 2024 09:12 PM
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लुधियाना, एजेंसी। साइबर जालसाजों के एक गिरोह ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर प्रसिद्ध वर्धमान समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एसपी ओसवाल से सात करोड़ रुपये ठग लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया और 5.25 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। गिरोह ने सुप्रीम कोर्ट की फर्जी सुनवाई, फर्जी गिरफ्तारी वारंट और डिजिटल अरेस्ट समेत एक विस्तृत योजना के जरिए इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि ठगी की शुरुआत एक फोन कॉल से हुई। इसमें आरोपियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए ओसवाल से कहा कि उन्होंने मलेशिया जाने वाला एक पार्सल जब्त किया है। इसमें 58 फर्जी पासपोर्ट, 16 डेबिट कार्ड और अन्य संदिग्ध सामग्री है। उन्होंने कहा कि ये सब कथित तौर पर ओसवाल के आधार कार्ड से जुड़ा है, लिहाजा वह प्रमुख संदिग्ध हैं। गिरोह ने ओसवाल से कहा कि यदि मामला सार्वजनिक हो गया तो उन्हें शर्मिंदगी और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

भरोसा दिलाने के लिए वीडियो कॉल कीः

पुलिस के अनुसार आरोपियों ने ओसवाल को विश्वास दिलाने के लिए वीडियो कॉल की। इस कॉल के दौरान वे जिस जगह बैठे हुए थे, वह एक कार्यालय जैसा लग रहा था और उनके पीछे सीबीआई का लोगो लगा था।

सुप्रीम कोर्ट का फर्जी गिरफ्तारी वारंट भेजाः

पुलिस ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट भी जालसाजी करके तैयार किया और व्हाट्सएप पर ओसवाल को भेज दिया। इससे वह और परेशान हो गए। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने ओसवाल से कहा कि उन्हें शारीरिक नहीं बल्कि डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया जाएगा ताकि यह मामला सार्वजनिक न हो।

दो खातों में धन हस्तांतरित करायाः

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने मुंबई में एक वकील की व्यवस्था करने का भी वादा किया जो ओसवाल को जमानत दिला सके। इस मदद के बदले में आरोपियों ने ओसवाल को दो अलग-अलग बैंक खातों में सात करोड़ रुपए हस्तांतरित करने के लिए राजी कर लिया। ठगों ने ओसवाल को भरोसा दिलाया कि सभी आरोपों से मुक्त होने के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे।

हालांकि, बाद में ओसवाल ने इस मामले पर अपने मैनेजर से बात की, जिन्हें संदेह हुआ। पुलिस ने बताया कि प्रबंधक ने पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद ठगी का पता चला।

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गुवाहाटी से दो गिरफ्तार

लुधियाना के साइबर अपराध थाने ने जांच शुरू की और असम के गुवाहाटी से अतनु चौधरी व आनंद कुमार चौधरी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा इस दौरान यह पता चला कि उन्होंने ही उन खातों की व्यवस्था की थी, जिनमें पैसे डाले गए थे। पुलिस ने आरोपियों से 5.25 करोड़ रुपये भी बरामद किए। पुलिस ने बताया कि मामले में शामिल पांच अन्य लोग अभी फरार हैं।

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