सीआरपीएफ ने छत्तीसगढ़ में चार हजार से अधिक जवान भेजे
शब्द : 440 - नक्सल विरोधी अभियान में निर्णायक कार्रवाई की तैयारी
शब्द : 435 - नक्सल विरोधी अभियान में निर्णायक कार्रवाई की तैयारी
- झारखंड से तीन, बिहार से एक बटालियन वापस बुलाई गई
नई दिल्ली, एजेंसी।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) छत्तीसगढ़ के बस्तर के सबसे अधिक नक्सल-हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में चार से अधिक कर्मियों वाली चार बटालियनों को तैनात कर रहा है। यह मार्च, 2026 तक माओवादी समस्या को खत्म करने के केंद्र सरकार के संकल्प के अनुरूप निर्णायक लड़ाई शुरू करने की रणनीति का हिस्सा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने रायपुर में इस समय सीमा की घोषणा करते हुए जोर दिया था कि देश को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त करने के लिए एक मजबूत कार्ययोजना की जरूरत है। वामपंथी उग्रवाद को कभी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा कहा जाता था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ ने झारखंड से तीन और बिहार से एक बटालियन वापस बुलाई है। इनकी तैनाती राजधानी रायपुर से करीब 450 से 500 किलोमीटर दक्षिण स्थित बस्तर क्षेत्र में की जाएगी।
इन इलाकों में तैनाती होगी :
सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में मौजूदा बल को और मजबूत बनाने के लिए सीआरपीएफ की 159, 218, 214 और 22 बटालियनों को तैनात किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन इकाइयों को दंतेवाड़ा और सुकमा के दूरदराज के जिलों और ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के साथ राज्य की त्रिकोणीय सीमा के दूरदराज के स्थानों पर तैनात किया जा रहा है।
एफओबी भी बनाए जाएंगे :
दिल्ली में सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये बटालियनें कोबरा इकाइयों के साथ मिलकर दूरदराज के इलाकों में और अधिक अग्रिम परिचालन बेस (एफओबी) स्थापित करेंगी, ताकि क्षेत्र को सुरक्षित करने के बाद विकास कार्य शुरू किए जा सकें। पिछले तीन वर्षों में बल ने छत्तीसगढ़ में लगभग 40 एफओबी बनाए हैं। उन्होंने कहा, इन नई इकाइयों को बख्तरबंद वाहनों, यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन), श्वान दस्ते, संचार सेट और राशन आपूर्ति के माध्यम से रसद सहायता प्रदान की जा रही है।
इस साल अब तक 153 नक्सली मार गिराए :
राज्य में माओवाद विरोधी अभियानों में मारे जाने वाले नक्सलियों की संख्या में हाल के दिनों में बढ़ोतरी देखी गई है। इस साल सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 153 नक्सली मारे जा चुके हैं। शाह ने बीती 24 अगस्त को रायपुर में कहा था कि 2004-14 की तुलना में 2014-24 के दौरान देश में नक्सली हिंसा की घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी आई है। गृह मंत्री ने कहा था कि अब लड़ाई अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। हमें विश्वास है कि हम मार्च 2026 तक देश को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कर पाएंगे।
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