दहेज हत्या में पति समेत पांच लोग आरोपमुक्त
साकेत कोर्ट ने 2013 के दहेज हत्या मामले में पति, उसके माता-पिता और दो बहनों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि महिला की मौत तलाक के चार महीने बाद हुई थी, जिससे यह दहेज हत्या का मामला नहीं बनता। शिकायत...
नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। साकेत कोर्ट ने 2013 के दहेज हत्या के एक मामले में पति उसके माता-पिता समेत दो बहनों को बरी किया है। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि अपराध के लिए मुख्य तत्व गायब थे क्योंकि महिला की मौत तलाक के बाद हुई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सचिन सांगवान पति दिनेश कुमार बिधूड़ी, उसके माता-पिता और दो विवाहित बहनों के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे। इनके खिलाफ ओखला औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने ने 2013 में दहेज हत्या और विवाहित महिला पर क्रूरता करने के दंडनीय अपराधों के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी। शिकायत के अनुसार, बिधूड़ी ने 2010 में नीतू से शादी की ±थी। दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया। आरोप लगाया गया है कि जब नीतू बीमार थी तो ससुराल वाले उसे सरकारी अस्पताल ले गए। बिना किसी देखभाल के उसे छोड़ दिया, जिसके बाद 12 दिसंबर 2013 को उसकी मौत हो गई। अपने फैसले में अदालत ने कहा कि नीतू की मौत तलाक के आदेश के लगभग चार महीने बाद हुई थी। कानूनी तौर पर इस मौत को विवाहित महिला की दहेज हत्या नहीं कहा जा सकता।
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