‘यूएसएड को लेकर श्वेत पत्र जारी करे सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने अमेरिकी संस्था यूएसएड से जुड़े विवाद और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि भारत में यूएसएड द्वारा सरकारी...
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नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस ने अमेरिकी संस्था यूएसएड से जुड़े हालिया विवाद तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए गुरुवार को कहा कि इस पर सरकार श्वेत पत्र लाए। मुख्य विपक्षी पार्टी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस संस्था द्वारा भारत के सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थानों को दिए गए सहयोग का विस्तृत ब्योरा देते हुए श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि यूएसएड के संदर्भ में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा किए जा रहे दावे बेतुके हैं। रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, यूएसएड इन दिनों काफी चर्चा में है। इसकी स्थापना तीन नवंबर 1961 को हुई थी। वैसे तो अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किए जा रहे दावे कम से कम कहने के लिए तो बेतुके हैं फिर भी, भारत सरकार को जल्द से जल्द एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, जिसमें दशकों से यूएसएड द्वारा सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों को दिए गए सहयोग का विस्तृत विवरण हो।
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क्या कहा था डोनाल्ड ट्रंप ने
राष्ट्रपति ट्रंप ने यूएसएड द्वारा भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए किए गए 2.1 करोड़ डॉलर के वित्तपोषण को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, हमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर देने की क्या जरूरत है? मुझे लगता है कि वे (बाइडन सरकार) चाहते थे कि चुनाव में किसी और को चुना जाए। हमें इस बारे में भारत सरकार को बताना चाहिए। यह आश्चर्यजनक है। ट्रंप के इस बयान को लेकर भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी से वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे की पुष्टि होती है कि विदेशी ताकतें उन्हें सत्ता में आने से रोकने की कोशिश कर रही थीं।
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सेबी में आमूलचूल बदलाव की जरूरत
कांग्रेस ने गुरुवार को यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह जरूरी है कि भारतीय वित्तीय बाजारों का अधिक पेशेवर विनियमन करने के साथ भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) में आमूलचूल बदलाव हो।
जयराम रमेश ने एक खबर साझा की, जिसके मुताबिक, कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक उदय कोटक ने कहा है कि अति-वित्तीयकरण भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है। रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, भारत का शेयर बाजार पूंजीकरण वर्तमान में इसके सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 140 प्रतिशत है। दो सितंबर, 2024 को वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने चेतावनी दी थी कि वित्तीय क्षेत्र की बढ़ती लाभप्रदता और बाजार पूंजीकरण के उच्च स्तर की बारीकी से जांच की जरूरत है।
रमेश ने चेतावनी दी है कि अति-वित्तीयकरण भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि निवेशक मूल्यांकन को समझे बिना अपनी बचत को इक्विटी में स्थानांतरित कर देते हैं। रमेश का कहना है कि हमें अपने वित्तीय बाजारों के अधिक पेशेवर विनियमन की आवश्यकता है, साथ ही सेबी को आमूलचूल बदलाव की जरूरत है।
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