आईएमएफ पैकेज: पाक के खिलाफ मतदान से कड़ा संदेश जाता: जयराम
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज देने के मामले में भारत के मतदान से दूर रहने पर मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह एक मजबूत संदेश नहीं है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई...

नई दिल्ली/गुवाहाटी, एजेंसी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आईएमएफ में पाक को कर्ज देने वाली बैठक से भारत के दूर रहने पर सरकार को घेरा। रमेश ने कहा, मोदी सरकार पीछे हट गई। वहां नहीं के पक्ष में वोट देने से कड़ा संदेश जाता। रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, बीते 29 अप्रैल को कांग्रेस ने मांग की थी कि भारत पाकिस्तान को आईएमएफ ऋण दिए जाने के खिलाफ मतदान करे, जिस पर शुक्रवार को इसके कार्यकारी बोर्ड ने विचार किया। भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने आरोप लगाया मोदी सरकार घबराकर पीछे हट गई है। रमेश ने कहा, पुरजोर तरीके से नहीं कहने से कड़ा संदेश गया होता।
इसके बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने शनिवार को कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को ऋण मंजूर करना चौंकाने वाला और निराशाजनक है। लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गोगोई ने एक्स पर लिखा, पाकिस्तान प्रायोजित पहलगाम हमले के बाद एक अरब अमेरिकी डॉलर के ऋण की मंजूरी चौंकाने वाली और निराशाजनक है। यह ऋण देश पर सेना के शासन को ही कायम रखेगा। गोगोई ने कहा कि आईएमएफ बोर्ड में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली और इजराइल जैसे 25 सदस्य देश शामिल हैं। पाक को राहत पैकेज देने पर कांग्रेस दुष्प्रचार में लिप्त: सरमा गुवाहाटी, एजेंसी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को जयराम रमेश और पवन खेड़ा जैसे कांग्रेस नेताओं पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से पाकिस्तान को राहत पैकेज दिए जाने के मामले पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। भारत ने शुक्रवार को आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर का नया कर्ज देने के प्रस्ताव का विरोध किया था। भारत ने कहा कि इस धन का इस्तेमाल राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के लिए किया जा सकता है। सरमा ने ‘एक्स पर लिखा, दुष्प्रचार का पर्दाफाश: जयराम रमेश और पवन खेड़ा जैसे कांग्रेस नेता बेतहाशा दुष्प्रचार में लिप्त हैं, तथ्यों को तोड़-मरोड़ रहे हैं। पाकिस्तान को आईएमएफ की ओर से दिए गए राहत पैकेज के बारे में भारत के रुख को लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि सच्चाई सामने आनी चाहिए कि आईएमएफ में वोटिंग के दौरान नहीं के विकल्प की कोई व्यवस्था नहीं होती। असहमति दर्ज करने का एकमात्र वैध तरीका मतदान से दूर रहना है, और भारत ने ऐसा किया। --
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।