जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की सिफारिश : सूत्र
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की है। जांच समिति की रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के घर से भारी मात्रा में नकदी मिलने की पुष्टि की गई है। जस्टिस...

मुख्य न्यायाधीश ने जांच समिति की रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजी रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा का जवाब भी साझा किया गया प्रभात कुमार नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने गुरुवार को जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश की है। सूत्रों ने बताया कि सीजेआई ने जस्टिस वर्मा द्वारा इस्तीफा दिए जाने से इनकार के बाद यह कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने गुरुवार को अधिकारिक तौर पर बताया कि सीजेआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहते हुए जस्टिस वर्मा के घर से भारी मात्रा में नकदी मिलने की जांच के लिए गठित 3 जजों की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है।
जांच समिति द्वारा 4 मई को मुख्य न्यायाधीश को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के घर भारी मात्रा में नकदी मिलने की पुष्टि की है। मुख्य न्यायाधीश ने जांच रिपोर्ट के साथ-साथ जस्टिस वर्मा का जवाब भी साझा किया है। माना जा रहा है कि जांच समिति की रिपोर्ट के बाद भी जस्टिस वर्मा ने सीजेआई को भेजे पत्र में खुद को निर्दोष बताते हुए, पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। क्या पड़ी महाभियोग की जरूरत कानून के जानकारों का मानना है कि सीजेआई द्वारा जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच रिपोर्ट और उनका जवाब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजना स्थापित आंतरिक प्रक्रिया हिस्सा है। विशेषज्ञों के मुताबिक जांच रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से तब साझा की जाती है, जब संबंधित जज पद से इस्तीफा देने की सलाह का पालन नहीं करते हैं और इसके बाद सीजेआई राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को महाभियोग चलाने के लिए पत्र लिखते हैं। आंतरिक प्रक्रिया का पालन सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सीजेआई खन्ना ने आंतरिक प्रक्रिया के अनुसार राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें तीन-सदस्यीय समिति द्वारा 4 मई को सौंपी मई की रिपोर्ट और जस्टिस यशवंत वर्मा से प्राप्त छह मई के जवाब की प्रति संलग्न है। सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों ने पहले बताया था कि जांच समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में न्यायमूर्ति वर्मा घर से भारी मात्रा में नकदी मिलने के आरोपों की पुष्टि की है। यह है जांच समिति मुख्य न्यायाधीश ने 22 मार्च को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी. एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति अनु शिवरमन की तीन-सदस्यीय समिति गठित की थी। जस्टिस वर्मा को पद छोड़ने का सुझाव दिया था समिति ने 25 मार्च को जस्टिस वर्मा के घर का दौरा कर औपचारिक रूप से जांच शुरू की थी। समिति ने रिपोर्ट मिलने के बाद सीजेआई खन्ना ने रिपोर्ट प्रति न्यायमूर्ति वर्मा को भेजी थी और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करते हुए उनसे जवाब मांगा था। सूत्रों ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने रिपोर्ट में महत्वपूर्ण निष्कर्षों के मद्देनजर न्यायमूर्ति वर्मा को पद छोड़ने का सुझाव दिया था।
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