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प्रकृति परीक्षण अभियान से पहले चरण में एक करोड़ लोग होंगे लाभांवित

आयुष मंत्रालय ने ऋतु के अनुसार खान-पान, व्यायाम और चिकित्सा सलाह देने के लिए प्रकृति परीक्षण अभियान शुरू किया है। यह अभियान 26 नवंबर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती तक चलेगा। मोबाइल...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 22 Nov 2024 06:08 PM
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- अभियान के तहत लोगों को ऋतु के हिसाब से दी जाएगी खान-पान, व्यायाम और आयुष पद्धित की दी जाएगी चिकित्सा सलाह नई दिल्ली। विशेष संवाददाता

आयुष पद्धित के हिसाब से लोगों को खान-पान, व्यायाम और चिकित्सा सलाह उपलब्ध कराने के लिए आयुष मंत्रालय प्रकृति परीक्षण अभियान शुरू कर रहा है। अभियान का पहला चरण 26 नवंबर से शुरू होगा जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती यानी 25 दिसंबर तक चलेगा। शुक्रवार को आयुष मंत्रालय के राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभियान को लक्ष्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करने और आयुष एवं आयुर्वेद पद्धति को अपनाने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है।

मंत्री कहा कि इसके लिए मोबाइल ऐप तैयार किया गया है, जिस पर एक तरफ देश भर से 4.70 लाख वालंटियर जुड़ेंगे। इनमें आयुर्वेद कॉलेजों के 1.35 लाख छात्र, 20 हजार शिक्षक, 18 हजार आयुर्वेद कॉलेजों के परास्नातक छात्र और आयुर्वेद से जुड़ी प्रैक्टिस करने वाले तीन लाख से अधिक चिकित्सक शामिल है। वहीं, दूसरी तरफ आम लोग भी अपना प्रकृति परीक्षण कराने के लिए ऐप के माध्यम से पंजीकरण करा पाएंगे। 18 वर्ष से अधिक के लोगों को ऐप पर मांगी जा रही जानकारी और कुछ स्वीकृति देनी होंगी। उसके बाद लोगों को ऐप के माध्यम से सलाह दी जाएगी कि उन्हें स्वस्थ रहने के लिए किस ऋतु में किया सेवा करना चाहिए। उम्र और सेहत के हिसाब से कौन सा व्यायाम करना चाहिए। अगर कोई बीमारी है तो फिर आयुर्वेद से जुड़ी किस दवा का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही, लोगों को हर दो महीने पर नोटिफिकेशन मिलेगा, जिसके माध्यम से उन्हें यह जानकारी मिलेगी कि उस समय के मौसम से किस खाद्य पदार्थ का सेवन करना लाभदायक है। उन्होंने कहा कि अभियान के पहले चरण में देश भर में एक करोड़ से अधिक लोगों का प्रकृति परीक्षण किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें आयुष पद्धित से उपचार की जानकारी भी दी जाएगी। इस अभियान से जहां लोग आयुष पद्धति की तरफ आकर्षित होंगे तो वहीं, आयुर्वेद के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी।

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