शराब घोटाले में वाईएसआरसीपी के शीर्ष नेता शामिल : एसआईटी
--वाईएसआरसीपी ने आरोप को राजनीति से प्रेरित बताया अमरावती, एजेंसी। आंध्र प्रदेश में

अमरावती, एजेंसी। आंध्र प्रदेश में 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने रिमांड नोट में आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी की शीर्ष नेताओं ने शराब ब्रांडों से 50 से 60 करोड़ रुपये की मासिक रिश्वत ली। पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के सहयोगी और मुख्य आरोपी के. राजशेखर रेड्डी उर्फ राज कासिरेड्डी के रिमांड नोट में आरोप लगाया गया है कि यह रैकेट 2019 में शुरू हुआ था। हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली में हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से हर महीने एकत्र की गई रिश्वत को लूटा गया।
हालांकि, वाईएसआरसीपी ने शनिवार को इन आरोपों को खारिज कर दिया और टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया।
एसआईटी ने आरोप लगाया कि शराब की खरीद में भ्रष्टाचार हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ब्रांडों को हटा दिया गया और नए ब्रांडों के ऑर्डर दिए गए थे। इसमें आरोप लगाया गया है कि सस्ते ब्रांडों के लिए 150 रुपये प्रति केस, मध्यम श्रेणी के ब्रांडों के लिए 200 रुपये और उच्च श्रेणी के ब्रांडों के लिए 600 रुपये प्रति केस की रिश्वत ली गई थी। नोट में आरोप लगाया गया है कि एकत्र की गई राशि कासिरेड्डी को सौंप दी गई, जिन्होंने ये रुपये वाईएसआरसीपी नेताओं वी विजय साई रेड्डी, मिथुन रेड्डी और अन्य को दिए। रिश्वत के रूप में एकत्र की गई कुल राशि 3,200 करोड़ रुपये है।
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