अंतरराष्ट्रीय जांच में भारत का नए युग में प्रवेश : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत मंडपम में सीबीआई द्वारा विकसित भारतपोल पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल अपराधों का विश्लेषण, रोकथाम और भगोड़ों को पकड़ने में मदद करेगा। शाह ने बताया कि यह प्रणाली...
- केंद्रीय गृह मंत्री ने सीबीआई द्वारा विकसित भारतपोल पोर्टल का शुभारंभ किया - अपराधों का विश्लेषण करने, उन्हें रोकने और अपराधियों को पकड़ने में मददगार होगा
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा विकसित भारतपोल पोर्टल का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में शाह ने कहा कि भारतपोल की शुरुआत के साथ ही अंतरराष्ट्रीय जांच में भारत एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतपोल से भारत की हर एजेंसी और पुलिस बल बहुत सरलता से इंटरपोल के साथ जुड़कर कर जांच को रफ्तार दे सकेगा।
भगोड़ों पर नकेल में मदद
शाह ने अपने संबोधन में कहा कि कई सालों तक भारत में अपराध कर दुनिया के अन्य देशों में भाग जाने वाले अपराधी हमारे कानूनों की पकड़ से बाहर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग कर कानून की पहुंच से बाहर रहे अपराधियों को हमारे कानून की गिरफ्त में लाया जाए। शाह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों में अनुपस्थिति में ट्रायल का प्रावधान जोड़ा गया है। इस नए प्रावधान और भारतपोल के माध्यम से हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए दुनिया के किसी भी कोने में छिपे अपराधियों को भारतीय न्याय प्रणाली के तहत सजा दिलाना बहुत सरल हो जाएगा।
कई अपराधों पर होगी कार्रवाई
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी, मानव तस्करी, सीमापार से होने वाले आतंकवाद जैसे अपराधों में यह नई व्यवस्था बहुत सहायता करेगी। शाह ने कहा कि इंटरपोल के सभी नोटिस के बारे में हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जागरूकता बढ़ाने और इस व्यवस्था को संस्थागत करने की जरूरत है।
पांच प्रमुख प्रारूप
अमित शाह ने कहा कि भारतपोल के पांच प्रमुख प्रारूप कनेक्ट, इंटरपोल नोटिस, रेफरेन्स, ब्रॉडकास्ट और रिसोर्स के माध्यम से हमारी सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सहायता का एक तकनीकी मंच मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कनेक्ट के माध्यम से हमारी सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब एक प्रकार से इंटरपोल की नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी-नई दिल्ली) बन जाएंगी। उन्होंने कहा कि इंटरपोल नोटिस के लिए अनुरोधों का त्वरित और सुरक्षित प्रसारण भी इससे सुनिश्चित हो जाएगा। इससे हम दुनियाभर के अपराधियों का तेज गति से पता लगाने की भारत में एक वैज्ञानिक व्यवस्था खड़ी कर सकेंगे। इससे अपराधियों का पता लगाना आसान होगा।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग आसान होगा
नई व्यवस्था से 195 देशों के इंटरपोल रेफरेंस के माध्यम से विदेशों में जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता लेना और देना बहुत सरल हो जाएगा। 195 देशों से सहायता के लिए अनुरोध, हमारे पास ब्रॉडकास्ट के माध्यम से तुरंत उपलब्ध होंगे और रिसोर्स के माध्यम से हम दस्तावेजों और क्षमता निर्माण को प्राप्त करने और भेजने की व्यवस्था खड़ी कर सकेंगे।
रियल टाइम इंटरफेस
शाह ने बताया कि भारतपोल को बड़ी कवायद के बाद बनाया गया है। रियल टाइम इंटरफेस इस पोर्टल की विशेषता है, जो अपराध नियंत्रण के लिए हमारी एजेंसियों के बीच सीधा और प्रभावी संवाद सुनिश्चित करेगा। शाह ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से वैश्विक नेटवर्क के साथ वास्तविक समय में डाटा का आदान-प्रदान और रेड कॉर्नर नोटिस और अन्य नोटिस को जारी करने के लिए दूसरे देशों के और हमारे अनुरोधों पर तेजी से काम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि भारतपोल से सबसे बड़ा फायदा अंतरराष्ट्रीय डाटा के उपयोग के संबंध में होगा, जिसके तहत हमारे युवा अधिकारियों के लिए 19 प्रकार के इंटरपोल के डाटाबेस हमारे पास एनालिसिस, अपराध रोकने की व्यवस्था खड़ी करने और अपराधियों को पकड़ने के लिए भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि यह पूरी व्यवस्था युगांतकारी और हमारी जांच को नए आयाम देने में सफल होगी।
भारत में इंटरपोल के लिए नेशनल सेंट्रल ब्यूरो के रूप में सीबीआई, कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित देशभर की विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर आपराधिक मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग में मदद करता है। केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के स्तर पर यह समन्वय इंटरपोल लाइजन अफसर के माध्यम से किया जाता है, जो अपने-अपने संगठनों में पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्तों और शाखा प्रमुखों के स्तर पर यूनिट ऑफिसर से जुड़े होते हैं। वर्तमान में, सीबीआई, आईएलओ, और यूओ के बीच संचार मुख्य रूप से पत्रों, ईमेल और फैक्स से ही किया जाता है।
अमित शाह ने बताया कि सीबीआई द्वारा विकसित पोर्टल की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता रीयल टाइम इंटरफेस है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल की मदद से केंद्रीय और राज्य एजेंसियां आसानी से इंटरपोल से जुड़ सकेंगी और अपनी जांच में तेजी ला सकेंगी।
शाह ने कहा, अब समय आ गया है कि हम अपराध करने के बाद भारत से फरार हुए भगोड़ों को पकड़ने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करें।''
उन्होंने कहा, ''हमें वैश्विक चुनौतियों पर नजर रखनी होगी और अपनी आंतरिक प्रणालियों को अद्यतन करना होगा। भारतपोल उस दिशा में एक कदम है।''
उन्होंने कहा कि नया पोर्टल केंद्रीय और राज्य जांच एजेंसियों को इंटरपोल के 195 सदस्य देशों से अपने मामलों पर जानकारी साझा करने और प्राप्त करने की अनुमति देगा।
गृह मंत्री ने कहा कि पिछले साल मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानून यह सुनिश्चित करेंगे कि भगोड़ों और फरार लोगों के खिलाफ बेहतर तरीके से मुकदमा चलाया जाए।
शाह ने कहा, ''मैं सीबीआई से आग्रह करूंगा कि वह भारतपोल के बारे में क्षमता निर्माण और तीन नए आपराधिक कानूनों के लिए राज्यों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी ले।''
उन्होंने कहा, ''हमें विभिन्न प्रकार के इंटरपोल नोटिस और उनकी प्रक्रियाओं के ज्ञान के साथ-साथ इन प्रणालियों को संस्थागत बनाने की आवश्यकता है। भारतपोल पोर्टल की स्थापना के बारे में पीटीआई ने सबसे पहले खबर दी थी। सीबीआई और भारत का राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो इंटरपोल से संबंधित मामलों को देखता है।
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नयी दल्लिी 07 जनवरी (वार्ता) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 'भारतपोल' पोर्टल से अंतर्राष्ट्रीय जांच के मामले में भारत में एक नए युग की शुरूआत हो रही है और यह पोर्टल तथा तीनों नये आपराधिक कानून विदेश भागने वाले अपराधियों को पकड़ने का मजबूत माध्यम बनेंगे।
श्री शाह ने मंगलवार को यहां केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा विकसित भारतपोल पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने सीबीआई के 35 पुरस्कार विजेता अधिकारियों को पुलिस पदक भी प्रदान किए, जन्हिें विशष्टि सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और जांच में उत्कृष्टता के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव और सीबीआई निदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस पोर्टल की शुरूआत के साथ अंतर्राष्ट्रीय जांच के मामले में भारत एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतपोल के माध्यम से भारत की हर एजेंसी और पुलिस बली बहुत सरलता के साथ इंटरपोल के साथ समन्व्य कर जांच को गति दे सकेगी।
श्री शाह ने कहा कि सरकार की नीतियों से 'साइंटिफिक रोडमैप' और समयबद्ध कार्यक्रम के तहत 'रीजनल लीडर' से 'ग्लोबल लीडर' बनने की भारत की यात्रा को आकार मिला है और इस रास्ते पर हम आगे भी बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे बढ़ते और वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हमें अपनी व्यवस्थाओं को अपग्रेड करना होगा और भारतपोल इसी दिशा में एक कदम है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारतपोल के पांच प्रमुख मॉड्यूल्स के माध्यम से सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सहायता का एक तकनीकी मंच मिला है। उन्होंने कहा कि कनेक्ट माड्यूल के माध्यम से सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब एक प्रकार से इंटरपोल की नेशनल सेंट्रल ब्यूरो बन जाएंगी। उन्होंने कहा कि इंटरपोल नोटिस के लिए अनुरोधों का त्वरित, सुरक्षित और संरचित प्रसारण भी इससे सुनश्चिति हो जाएगा, जिससे हम भारत के अपराधियों और दुनियाभर के अपराधियों का तेज़ गति से पता करने की एक वैज्ञानिक व्यवस्था खड़ी कर सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि 195 देशों के इंटरपोल के माध्यम से विदेशों में जांच के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता लेना और देना बहुत सरल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 195 देशों से सहायता के लिए अनुरोध, हमारे पास ब्रॉडकास्ट माड्यूल के माध्यम से तुरंत उपलब्ध होंगे और रिसोर्सज के माध्यम से हम दस्तावेज़ों और क्षमता नर्मिाण को प्राप्त करने और भेजने की व्यवस्था खड़ी कर सकेंगे।
श्री शाह ने कहा कि भारतपोल पोर्टल को बहुत वस्तिृत एक्सरसाइज़ कर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल की विशेषता है जो अपराध नियंत्रण के लिए हमारी एजेंसियों के बीच सीधा और प्रभावी संवाद सुनश्चिति करेगा। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से वैश्विक नेटवर्क के साथ डेटा साझा और रेड कॉर्नर नोटिस तथा अन्य नोटिस को जारी करने के लिए दूसरे देशों के और हमारे अनुरोधों पर हम तेज़ी से काम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कई सालों तक भारत में अपराध कर दुनिया के अन्य देशों में भाग जाने वाले अपराधी हमारे कानूनों की पकड़ से बाहर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग कर कानून की पहुंच से बाहर रहे अपराधियों को हमारे कानून की गिरफ्त में लाया जाए।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों की मदद से एक न्यायिक प्रक्रिया सुनश्चिति कर कोर्ट के आदेश के साथ भगोड़े अपराधियों की अनुपस्थिति में उन पर केस चलाना सरल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इन अपराधियों को भारतीय अदालतों से सज़ा मिलने के बाद उन्हें विदेशों से भारत लाना सरल हो जाएगा। श्री शाह ने कहा कि इस नए प्रावधान और भारतपोल के माध्यम से हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए दुनिया के किसी भी कोने में छिपे अपराधियों को भारतीय न्याय प्रणाली के तहत सज़ा दिलाना बहुत सरल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सीबीआई को भारतपोल की शुरूआत के साथ-साथ इसके प्रशक्षिण को नीचे तक पहुंचाने की भी ज़म्मिेदारी लेनी चाहिए।
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