शाह पैकेज: हर गांव के तीन किमी के दायरे में बैंक शाखा खोलना लक्ष्य: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुणे में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने गांवों में बैंक शाखाओं और पोषण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। शाह ने बच्चों में कुपोषण को...
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- केंद्रीय गृह मंत्री पुणे में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता की पुणे, एजेंसियां। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यहां पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता की। शाह ने बैठक में देश के हर गांव के तीन किलोमीटर के दायरे में बैंक शाखाओं व पोस्टल बैंकिंग की सुविधा मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए अमित शाह ने कहा कि भाजपा सरकार में क्षेत्रीय परिषदें औपचारिक संस्थाओं की बजाय परिवर्तन लाने वाली संस्थाओं के रूप में स्थापित हुई हैं। उन्होंने कहा, देशभर के प्रत्येक गांव में हर पांच किमी पर बैंक शाखा व पोस्टल बैंकिंग सुविधा मुहैया कराने का लक्ष्य लगभग हासिल कर लिया गया है। अब तीन किलोमीटर के दायरे में ऐसा करना सरकार का लक्ष्य है। हम क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में शामिल विषयों में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। गृह मंत्री ने दलहन के आयात पर चिंता व्यक्त करते हुए दलहन का उत्पादन बढ़ाने पर बल दिया। पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक में कुल 18 मुद्दों पर चर्चा की गई।
कुपोषण की समस्या को गंभीरता से लें
शाह ने पश्चिमी क्षेत्र के सभी मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और मुख्य सचिवों से अपील की कि हमें बच्चों और नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए उन्हें कुपोषण से निजात दिलानी होगी। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य सिर्फ दवाइयों और अस्पतालों से ही नहीं सुधरता, हमें यह प्रयास करना चाहिए कि बच्चों और नागरिकों को इनकी जरूरत ही न पड़े। इसलिए बच्चों में कुपोषण की समस्या को गंभीरता से लें और इसे हल करने के लिए हरसंभव कदम उठाएं। उन्होंने स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर कम करने और स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर भी बल दिया। बैठक में महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात के मुख्यमंत्री, दादरा और नगर हवेली तथा दमन एवं दीव के प्रशासक और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री आदि ने हिस्सा लिया।
1280 मामलों का निपटारा किया गया
वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हम क्षेत्रीय परिषदों को केवल औपचारिक संस्थाओं की बजाय परिवर्तन लाने वाली संस्थाओं के रूप में स्थापित करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 तक क्षेत्रीय परिषदों की केवल 25 बैठकें हुईं जबकि 2014 से फरवरी 2025 तक, कोविड महामारी के बावजूद, कुल 61 बैठकें हुईं, जो इससे पहले के 10 वर्ष के मुकाबले 140 प्रतिशत अधिक है। गृह मंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच केवल 448 मुद्दों का निराकरण किया गया जबकि 2014 से फरवरी 2025 के बीच 1280 मामलों का निपटारा किया गया। उन्होंने कहा कि हमने क्षेत्रीय परिषदों को सरकारी औपचारिकता से आगे बढ़कर एक रणनीतिक निर्णय लेने वाले मंच के रूप में स्थापित किया है। इस मंच के माध्यम से अनेक क्षेत्रीय परिषदों, खासकर पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठकों में अनेक महत्वपूर्ण और युग परिवर्तनकारी निर्णय लिए हैं।
सहकारिता से ही हासिल कर सकते हैं शत प्रतिशत रोजगार
प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकार से समृद्धि के संकल्प का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि देश में शत प्रतिशत रोजगार प्रदान करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सहकारिता ही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को सुदृढ़ करने, उन्हें बहुआयामी बनाने के साथ ही ‘सहकार से समृद्धि की समग्र अवधारणा को पूरा करने के लिए की गई 56 से अधिक पहल को जमीनी स्तर तक पहुंचाना बहुत जरूरी है।
नागरिकों तक उनके अधिकार पहुंचाएं
शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने का जिक्र करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि संविधान ने देश के नागरिकों को जो अधिकार दिए हैं, उन्हें हम नागरिकों तक शत-प्रतिशत पहुंचाएं। आने वाले दिनों में अंतर राज्य परिषद के दायरे में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और साइबर अपराध के विषयों को भी शामिल किया जाएगा। गृह मंत्री ने राज्यों से इसके लिए तैयारी करने का आह्वान किया।
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राष्ट्रीय महत्व के छह मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक में राष्ट्रीय महत्व के छह मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिनमें शहरी मास्टर प्लान एवं किफायती आवास, विद्युत संचालन व आपूर्ति, पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करना, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर कम करना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को मजबूत करना जैसे मुद्दे शामिल हैं।
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20 लाख लोगों को मिला घर
अमित शाह ने पुणे में शनिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (चरण-2) के तहत 20 लाख लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र तथा 10 लाख लाभार्थियों को पहली किस्त का वितरण भी किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में शाह ने कहा कि भारत में आज पहली बार एक साथ 20 लाख लाभार्थियों को अपना खुद का घर मिल रहा है।
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जनता ने असली शिवसेना, एनसीपी को लेकर स्पष्ट फैसला दिया
कार्यक्रम में शाह ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने विधानसभा चुनावों में महायुति को भारी जीत दिलाकर यह स्पष्ट फैसला दे दिया है कि असली शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) कौन है। शिवसेना और राकांपा क्रमशः जून 2022 और जुलाई 2023 में विभाजित हो गए, जिसमें दोनों दलों का एक-एक गुट भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति और कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी में शामिल हो गया। नवंबर में हुए चुनावों में महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से 230 सीटें जीतीं, जबकि उद्धव ठाकरे और शरद पवार के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (एसपी) का प्रदर्शन खराब रहा।
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