एम्स में ऊंचे पहाड़ों पर होने वाली बीमारियों का इलाज मिलेगा
एम्स दिल्ली और सेना ने मिलकर हाई एल्टीट्यूड, एयरोस्पेस और मरीन मेडिसिन में एमडी मेडिसिन का कोर्स शुरू करने का फैसला किया है। इस संबंध में एक सीएमई का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने छात्रों को...
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। ऊंचे बर्फीले पहाड़ों, समुद्री इलाकों और एयरोस्पेस में होने वाली बीमारियों का इलाज अब एम्स दिल्ली में भी हो सकेगा। एम्स दिल्ली और सेना मिलकर हाई एल्टीट्यूड, एयरोस्पेस और मरीन मेडिसिन में एमडी मेडिसिन का कोर्स शुरू करेंगे। इस संबंध में रविवार को एम्स के जवाहर लाल नेहरू सभागार में एक सीएमई का आयोजन किया गया, जिसमें सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस) महानिदेशालय के विशेषज्ञों ने करीब 150 से ज्यादा यूजी, पीजी, नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्रों के साथ अन्य डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया। दरअसल, ऊंचे पर्वतीय इलाकों, एयरोस्पेस और समुद्री वातावरण में अक्सर लोग शारीरिक अनुकूलन संबंधी समस्याओं के साथ स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के शिकार हो जाते हैं। सीएमई में ऐसे ही मरीजों के सम्मुख उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य स्थितियों के साथ उनके लक्षणों, उपचारों और दवाओं की विशेषज्ञता पूर्ण जानकारी प्रदान की गई। इस दौरान वाइस एडमिरल सर्जन डॉ. आरती सरीन, एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास, डीन (अकादमिक) केके वर्मा और हार्मोन रोग विभाग के प्रो. राजेश खड़गावत मौजूद रहे।
एम्स और सेना के डॉक्टर प्रशिक्षण लेंगे
एम्स के प्रोफेसर डॉक्टर राजेश खड़गावत ने बताया कि एम्स में कई ऐसी चिकित्सा सुविधाएं हैं जो सेना के अस्पतालों में नहीं है और ऐसी ही कई सुविधाएं सेना के चिकित्सा केंद्रों पर मौजूद हैं जो एम्स में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में एम्स के डॉक्टर ऊंचे पहाड़ों पर मौजूद सेना के चिकित्सा केंद्रों में भी प्रशिक्षण लेंगे और सेना के डॉक्टर एम्स में प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगे। मुंबई में नौसेना के अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी में हाइपरबोरिक ऑक्सीजन चैंबर मौजूद है। एम्स के डॉक्टरों को ये सुविधाएं अभी मौजूद नहीं हैं तो वे ऐसे में वहां जाकर प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगे। इसी तरह एम्स में मौजूद पैथोलॉजी की कई सुविधाएं सैन्य चिकित्सा केंद्रों पर नहीं हैं। ऐसे में आपस में पारस्परिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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