उद्योगों के अनुसार इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम अपग्रेड किए जाएंगे
नई दिल्ली में, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने टेक्सटाइल इंजीनियरिंग और बीसीए के लिए नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की। ये पाठ्यक्रम छात्रों को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करते हैं और रोजगार की...
- छात्रों को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन देने की रणनीति - टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के अलावा बीसीए का नया पाठ्यक्रम तैयार
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। उद्योगों की जरूरत के हिसाब से इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को अपग्रेड किया जा रहा है। नए मॉडल पाठ्यक्रम में छात्रों को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति की मंशा के अनुरूप कई क्षेत्रों में मॉडल पाठ्यक्रम तैयार करके विशेषज्ञों से फीडबैक लिया जा रहा है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने हाल में टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में यूजी डिग्री कोर्स के लिए मॉडल करिकुलम और बीसीए के लिए ड्राफ्ट करिकुलम लॉन्च किया है। अन्य इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को भी रोजगार के लिहाज से रीस्ट्रक्चर करने की संभावना खंगाली जा रही है। नया पाठ्यक्रम साइंस और इंजीनियरिंग में मूलभूत पाठ्यक्रमों को टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबिलिटी, नैनोटेक्नोलॉजी, स्मार्ट टेक्सटाइल और टेक्निकल टेक्सटाइल जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विशेष मॉड्यूल के साथ एकीकृत करेगा। इससे छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद इस क्षेत्र में रोजगार पाने के साथ ही अपना स्टार्टअप शुरू करने में भी सक्षम हो सकेंगे। मॉडल करिकुलम में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और कपड़ा क्षेत्र में सर्कुलर इकोनॉमी जैसे उभरते क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। इसमें इंटर्नशिप और उद्यमिता विकास पर मजबूती से फोकस किया गया है। समर इंटर्नशिप कार्यक्रम छात्रों को वास्तविक दुनिया के औद्योगिक वातावरण का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इससे उद्योग से जुड़ी चुनौतियों की समझ गहरी हो सकेगी। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालयों के पास सप्लीमेंट्री इलेक्टिव, जिसमें माइनर इलेक्टिव और माइक्रो-क्रेडिट के विकल्प शामिल हैं, शुरू करने की भी छूट दी गई है।
विशेषज्ञ बनाने पर फोकस
छात्रों को इंटरडिसिप्लनरी क्षेत्रों में 18 से 20 क्रेडिट के लायक विशेषज्ञता हासिल करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे वे आधुनिक कपड़ा उद्योग की जटिल चुनौतियों से निपटने में सक्षम बन सकें। इस नए पाठ्यक्रम का उद्देश्य न केवल स्नातकों की रोजगार क्षमता को बढ़ाना है, बल्कि भारत में कपड़ा इंजीनियरिंग क्षेत्र की उन्नति में योगदान देना भी है। टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के अलावा बीसीए ऑनर्स के लिए तैयार ड्राफ्ट मॉडल करिकुलम में मूलभूत कंप्यूटिंग सिद्धांतों को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से एकीकृत किया गया है। इसका मकसद भी यही है कि बीसीए करके छात्र उद्योग जगत की जरूरतों के अनुरूप तैयार हों। इसकी मुख्य विशेषताओं में समर इंटर्नशिप, तीन सप्ताह का अनिवार्य इंडक्शन प्रोग्राम, भारतीय ज्ञान प्रणाली एकीकरण, औद्योगिक विजिट, कार्यशालाएं और इंटर्नशिप शामिल हैं।
दो प्रकार का बीसीए
बीसीए का मॉडल पाठ्यक्रम दो अवधि का है, एक तीन वर्षीय कार्यक्रम (120 क्रेडिट) और एक चार वर्षीय कार्यक्रम (160 क्रेडिट) का जो क्रमशः बीसीए, बीसीए (ऑनर्स), या बीसीए (ऑनर्स विद रिसर्च) की डिग्री प्रदान करता है।
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