Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsAadi Rang Festival Celebrates Tribal Art and Culture in New Delhi from March 21-23

उत्सव: पांच साल बाद एनएसडी में आदि रंग महोत्सव कल से

21 से 23 मार्च तक आयोजित होगा आदि रंग महोत्सव नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 19 March 2025 02:51 PM
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उत्सव: पांच साल बाद एनएसडी में आदि रंग महोत्सव कल से

21 से 23 मार्च तक आयोजित होगा आदि रंग महोत्सव नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में पांच साल बाद एक बार फिर से भारत की आदिवासी समुदायों की कला, संस्कृति और धरोहर का उत्सव आदि रंग का आयोजन करने जा रहा है। कोविड-19 से उपजी स्थिति के कारण यह आयोजन 2019 के बाद से बंद था। अब यह आयोजन 21 से 23 मार्च तक एनएसडी परिसर में आयोजित होगा। एनएसडी में आयोजित बुधवार को एक प्रेसवार्ता में इसके बारे में जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक चित्तरंजन त्रिपाठी ने बताया कि आदि रंग महोत्सव केवल कला और संस्कृति का उत्सव नहीं है, यह भारत के आदिवासी समुदायों और प्रकृति के बीच गहरे संबंधों को दिखाने का एक अवसर है। इस महोत्सव के माध्यम से हम इन विशिष्ट परंपराओं को सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि लोग इन्हें समझें और सराहें। यह आदिवासी धरोहर को दुनिया के सामने लाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह महोत्सव लगभग 300 आदिवासी कलाकारों को एकत्रित करेगा, जो अपनी कालातीत कृतियों और अद्वितीय शिल्पकला का प्रदर्शन करेंगे।

यह महोत्सव आदिवासी परंपराओं को आगे बढ़ाने, मजबूत संबंध स्थापित करने और इन अमूल्य परंपराओं को भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने का प्रयास करेगा। महोत्सव में 13 राज्यों से 15 नृत्य और संगीत प्रस्तुतियां तथा 11 राज्यों से आदिवासी शिल्पकला का प्रदर्शन किया जाएगा।

महोत्सव का एक प्रमुख आकर्षण दो शानदार रंगमंच प्रस्तुतियां होंगी। झारखंड से ‘बीर बिरसा आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की विरासत को श्रद्धांजलि अर्पित करती है, वहीं ओडिशा से ‘बाना गुड़ा साहस और लोककथाओं का चित्रण प्रस्तुत करेगी।

इस महोत्सव में विभिन्न राज्यों से नृत्य, संगीत और शिल्पकला का भी प्रदर्शन होगा। असम से राबा नृत्य और असमी हस्तशिल्प, आंध्र प्रदेश से गुस्सादी नृत्य और चमड़े की कठपुतलियां, अरुणाचल प्रदेश से जूजू जाजा और रिकम पदा नृत्य, गुजरात से सिद्दी धमाल और पधार नृत्य, इसके अतिरिक्त गुजरात अपना पैचवर्क, तांबे की घंटियों और मनके के काम प्रस्तुत करेगा। इसके अलावा अन्य राज्यों की जनजातियों के लोग अपनी विभिन्न कला प्रस्तुतियां देंगे।

इस महोत्सव के दौरान मास्टर क्लास और राष्ट्रीय सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे, जहां आदिवासी कला, संस्कृति और थिएटर पर विशेषज्ञों द्वारा गहरी जानकारी दी जाएगी, ताकि इन परंपराओं की समृद्ध धरोहर को और बेहतर तरीके से समझा जा सके।

इस बारे में अधिक जानकारी एनएसडी की वेबसाइट https://nsd.gov.in/

तथा www.brm.nsd.gov.in पर उपलब्ध है।

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