कबूतरबाजी में 18 साल से फरार एजेंट गिरफ्तार
नई दिल्ली की एयरपोर्ट पुलिस ने 2007 में दर्ज कबूतरबाजी के मामले में फरार चल रहे एजेंट लक्की को 18 साल बाद गिरफ्तार किया। लक्की ने एक युवक को 8 लाख रुपये लेकर फर्जी वीजा पर इटली भेजा था। अदालत ने उसे...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। कबूतरबाजी के मामले में फरार चल रहे एक एजेंट को 18 साल बाद एयरपोर्ट पुलिस ने गिरफ्तार किया। वर्ष 2007 में दर्ज मामले में वह फरार चल रहा था। अदालत ने आरोपी लक्की को वर्ष 2012 में भगोड़ा घोषित कर दिया था। उसने एक युवक को आठ लाख रुपये लेकर फर्जी वीजा पर इटली भेज दिया था। अतिरिक्त आयुक्त उषा रंगनानी के अनुसार, दो जुलाई 2007 को महेश सिंह को इटली से इमरजेंसी सर्टिफिकेट पर आईजीआई एयरपोर्ट भेजा गया था। इमिग्रेशन को पता चला कि पासपोर्ट नहीं होने के चलते इटली एयरपोर्ट पर उसे प्रवेश नहीं मिला। उसने बताया कि उसका असली नाम प्रदीप कुमार है। वह 30 जून 2007 को फर्जी वीजा पर इटली गया था। विमान में बैठने पर उसने अपना पासपोर्ट नष्ट कर दिया था। इस बाबत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया था।
उसने पुलिस को बताया कि लक्की नामक एजेंट ने उसे 8 लाख रुपये लेकर भेजा था। उसे एजेंट ने बताया था कि इटली पहुंचने पर वह अपना नाम महेश सिंह बताए और वहां शरण मांगे। लेकिन इटली प्रशासन ने उसे प्रवेश देने से इनकार कर दिया। वर्ष 2007 से एजेंट लक्की उर्फ भूपेन्द्रजीत फरार चल रहा था। वर्ष 2012 में उसे अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था। हाल ही में मिली एक गुप्त सूचना पर पुलिस ने लक्की को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।उसने पुलिस को बताया कि कई बार वीजा के लिए आवेदन करने पर भी इटली का वीजा नहीं मिल रहा था। इसलिए उसने यात्री को फर्जी वीजा लगाकर इटली भेज दिया था।
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