कोई यूं ही बेवफा नहीं होता; मनीष सिसोदिया बोले- मेरी भूमिका पार्टी तय करेगी, सीएम भी जल्द छूटेंगे
मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद जेल से बाहर आए हैं। आम आदमी पार्टी (आप) को नई ताकत देने के लिए उन्होंने मोर्चा संभाल लिया है। एक इंटरव्यू में सिसोदया ने भविष्य की योजनाओं और सरकार और संगठन में उनकी भूमिका जैसे विषयों पर खुलकर अपनी बात रखी।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद जेल से बाहर आए हैं। उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों और आप विधायकों के साथ बैठक शुरू कर दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण हरियाणा और दिल्ली चुनाव के लिए रणनीति बनाना आम आदमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। सिसोदया से भविष्य की योजनाएं, सरकार और संगठन में उनकी भूमिका के साथ विधानसभा चुनावों पर ‘हिन्दुस्तान’ के मेट्रो एडिटर गौरव त्यागी और प्रमुख संवाददाता बृजेश सिंह ने लंबी बातचीत की।
● आप करीब 17 महीने तक जेल में रहे। इस पर क्या कहेंगे?
बाहर आकर आजादी की कीमत ज्यादा समझ में आ रही है। हमारे लोग जेल जा-जाकर भी आजादी के लिए लड़े, यह अब समझ में आया है। राजनीति में जो लोग सत्ता के दुरुपयोग और केंद्र की ताकत के खिलाफ लड़ते हैं, उन्हें जेल जाने से डरना नहीं चाहिए। हम आंदोलन के दिनों से नहीं डरे, आज भी नहीं घबराते। हालांकि, परिवारवालों के लिहाज से देखें तो दिक्कतें हैं।
● वर्तमान में पार्टी के लिए थोड़ा मुश्किल समय है। लोकसभा के नतीजे पक्ष में नहीं आए। पार्टी के कुछ नेताओं ने भी साथ छोड़ दिया?
आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता ना टूटा है ना बिखरा। एक-दो लोग जो छोड़कर गए उनके लिए बस इतना कहना चाहता हूं कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, कोई यूं ही बेवफा नहीं होता। उनके ऊपर ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग का दबाव रहा होगा। हालांकि, पूरी पार्टी को देखें तो दिल्ली से लेकर पंजाब तक 99.99 फीसदी लोग जिसमें विधायक, पार्षद व कार्यकर्ता शामिल हैं, चट्टान की तरह टिके हैं। मेरा मानना है कि अब मुश्किल समय गुजर गया है।
● आप लंबे समय तक उपमुख्यमंत्री रहे। सब जानना चाहते हैं कि क्या मनीष सिसोदिया सरकार में पहले की भूमिका में दिखेंगे?
मैं दो दिन पहले ही बाहर आया हूं। ईमानदारी से कहूं तो अभी परिवार के साथ समय बिता रहा हूं। पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहा हूं। बड़े नेताओं के साथ भी बैठकर अभी चीजों को समझ रहा हूं। पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूदा हालात को कैसे देख रहे हैं। उनको मेरा रोल पार्टी के अंदर या गर्वनेंस में क्या दिख रहा है। यह अरविंद केजरीवाल जी या पार्टी के नेता मिलकर तय करेंगे। आगे चुनाव है, पार्टी को जहां ठीक लगेगा, जो भूमिका तय होगी, उसमें काम करूंगा। सच बात है कि मैं सरकार में 17 महीने से नहीं हूं, फिर भी सरकार अच्छी चल रही है। दूसरा, अब मैं जेल से बाहर हूं। अभी मेरी कोई ख्वाहिश नहीं है कि मैं वापस सरकार में जाऊं या पार्टी में रहूं। चुनाव आने वाले हैं। मैं हर भूमिका के लिए तैयार हूं।
● मंत्रियों और अधिकारियों के बीच मतभेद की बातें लगातार सामने आ रही हैं?
जहां तक अधिकारियों के सहयोग की बात है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संविधान और लोकतंत्र दोनों की हत्या की। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने आदेश सुनाया था कि चुनी हुई सरकार प्रशासनिक काम करेगी, लेकिन भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नकार दिया। मंत्रियों के अधिकार छीन लिए गए। इस वजह से दिल्ली के लोगों के काम प्रभावित हो रहे हैं।
● केजरीवाल की अनुपस्थिति में दिल्ली व हरियाणा विधानसभा चुनाव आप के सामने सबसे बड़ी चुनौती है?
मुझे लगता है कि हरियाणा चुनाव से पहले ही अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर हमारे बीच होंगे, जहां तक रणनीति की बात है तो हम अपने काम को जनता के बीच लेकर जाएंगे। दिल्ली से लेकर पंजाब तक जो काम मुश्किल समय में हुए हैं, उनसे लोगों को अवगत कराएंगे। लोग भी समझ रहे हैं कि कौन काम कर रहा है। हमारा काम ही हमें चुनाव जिताकर देगा।
● आप जमानत को क्लीन चिट मानते हैं, जबकि भाजपा कह रही है कि जमानत हुई है आप बरी नहीं हुए?
भाजपा वाले परेशान हैं कि अब क्या बोलें। जब जमानत नहीं मिल रही थी, तब चिल्ला रहे थे कि देखो जमानत नहीं मिली कुछ तो गड़बड़ है। अब जमानत मिल गई तो कह रहे हैं कि बरी नहीं हुए हैं। सच्चाई यह है कि पूरे आरोपों में इनके पास कुछ नहीं है। इस केस में सिर्फ पीएमएलए एक्ट का दुरुपयोग हुआ है। यह आतंकवादियों व ड्रग माफिया को रोकने के लिए कानून लाया गया था, मगर केंद्र की सत्ता में बैठी पार्टी विपक्ष के नेताओं पर इसका दुरुपयोग कर रही है।
● अरविंद केजरीवाल जेल से नहीं छूटे तो क्या उनकी जगह सुनीता केजरीवाल चुनाव लड़ेंगी?
नहीं, अभी ऐसा कोई विचार पार्टी में नहीं है। केजरीवाल का और मेरा परिवार एक ही है। सुनीता जी हम सबके लिए सम्मानीय हैं। मैंने उनको एक अधिकारी के रूप में काम करते हुए देखा है। मैं जब जेल में था, केजरीवाल भी जेल गए तो हमने उन्हें आत्मविश्वास से भरी हुई एक्टिविस्ट के रूप में पार्टी के लिए काम करते हुए देखा। अरविंद केजरीवाल के मैसेज को जनता के बीच पहुंचा रहीं थीं। मेरा मानना है कि पार्टी ने एक मुश्किल समय में उन्हें एक भूमिका दी थी, क्योंकि अरविंद केजरीवाल जेल में थे, जनता उनसे कनेक्ट होना चाहती थी। सुनीता जी ने वह काम बखूबी निभाया।
● क्या सीएम का चेहरा आप होंगे? इस पर सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जल्द बाहर आ रहे हैं। केजरीवाल से जनता प्यार करती है। जनता केजरीवाल को ही वोट करेगी। भाजपा को उन्हें जेल में रखने के लिए जो करना था, सब कुछ कर चुकी है, अब ज्यादा दिन नहीं रख सकती है।
● पत्नी ने बहुत झेला, अब उसे समय दे रहा हूं
मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ मेरा परिवार भी मेरी जिम्मेदारी है। पूरे घटनाक्रम में मेरी पत्नी ने बहुत झेला है। उसके लिए जो भी जरूरी है, वो कर रहा हूं। हम दोनों साथ में अच्छा समय गुजार रहे हैं। पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि जेल में 17 महीने रहने के दौरान मैंने उस समय का उपयोग किताबें पढ़कर किया। जेल में अध्यात्म, साहित्य, सामाजिक विज्ञान के साथ-साथ दुनियाभर के शिक्षा मॉडल से जुड़ी किताबें पढ़ीं। यही नहीं, अध्यात्म के साथ-साथ विज्ञान में क्वांटम फिजिक्स को समझने के लिए भी किताबें पढ़ीं।
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