चारों तरफ बिखरे जूते-चप्पल, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अचानक क्यों मची भगदड़? चश्मदीदों ने क्या बताया
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भगदड़ मचने से 15 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 10 महिलाएं, दो पुरुष और तीन बच्चे शामिल हैं। हादसे में 15 लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 10 महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं। हादसे में 15 लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रयागराज जाने के लिए स्टेशन पर भारी भीड़ जुटी थी। रेलवे बोर्ड ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
क्यों मची भगदड़
हादसे के चश्मदीदों ने बताया कि स्टेशन के सभी प्लटफॉर्म पर बहुत ज्यादा भीड़ थी। मगर प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13, 14 और 15 पर स्थिति बदतर थी। रेलवे द्वारा ट्रेनों के ठहरवार को लेकर बार-बार प्लेटफॉर्म नंबर बदलने की एनाउंसमेंट के चलते भगदड़ मच गई। वहीं रेलवे के आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रयागराज एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 14 पर खड़ी थी। प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर बनारस सुपरफास्ट स्पेशल खड़ी थी। वहीं, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस देरी से चल रही थीं। इन दोनों ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफार्म नंबर 12, 13 और 14 पर मौजूद थे। भीड़ और बढ़ने पर प्लेटफार्म नंबर 14 और प्लेटफार्म नंबर 16 के एस्केलेटर के पास अचानक भगदड़ मच गई। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि रेलवे द्वारा हर घंटे 1,500 सामान्य टिकट बेचे जा रहे थे, जिसके कारण स्टेशन पर भीड़ बढ़ती गई और स्थिति बेकाबू हो गई।
भीड़ मैनेज करने वाला कोई नहीं था
चश्मदीदों का कहना है कि इतनी ज्यादा भीड़ दी लेकिन इसे मैनेज करने वाला कोई नहीं था। रेलवे पुलिस फोर्स का कोई जवान उन्हें दिखाई नहीं दिया। एएनआई को एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पब्लिक भाग रही थी। लोग गिर रहे थे। लोगों के गिरने की वजह से हादसा हुआ है। भीड़ को कोई देखने या रोकने वाला नहीं था। लोग 16 से 12 पर और 12 से 16 नंबर प्लेटफॉर्म पर आ रहे थे। जब लोग 12 नंबर प्लेटफॉर्म पर पहुंचे तो ऐलान हुआ कि 16 नंबर पर ट्रेन आएगी। ऐसे में वहां से और यहां से लोग भागे जिसकी वजह से बीच में भगदड़ मच गई।
सुनने को तैयार नहीं थे लोग
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में एक सार्जेंट और प्रत्यक्षदर्शी अजित ने एएनआई को बताया, मैं यहां एक वीआईपी मूवमेंट कराने के लिए आया हुआ था। मैं जब मूवमेंट करवाकर वापस जा रहा था तो मुझे शाम पांच बजदे इसकी (भगदड़) की आशंका थी क्योंकि जब मैं लोक कल्याण मार्ग से ड्यूटी पर आ रहा था तो मुझे नई दिल्ली मेट्रो से निकलने में एक घंटा लगा जो 2 मिनट का काम है। मुझे मूवमेंट के बाद वापस जाने का रास्ता नहीं मिला। मैंने खुद से एक अनाउंसमेंट की कि भारतीय सेना और प्रशासन की तरह से बता रहे हैं कि दो-तीन चार दिन रुक जाइए, एक टाइम पर 5-10 हजार लोग नहीं जा सकते। लेकिन लोग मान नहीं रहे हैं। इस ट्रेन में जगह नहीं मिली तो दूसरी में लोग जा रहे थे, जिसकी वजह से भगदड़ मच गई। प्रशासन ने काफी कोशिश की लेकिन 10 हजार की भीड़ कैसे मैनेज की जाएगी। कोई सुनने को तैयार नहीं था। मैंने खुद चिल्ला-चिल्लाकर कहा कि आप लोग दो-चार दिन रुक जाइए। मगर आज के आज सभी लोगों का ट्रेन से जाना उचित नहीं है। मैंने अफने वीडियो में 8 बजे बताया और 8.30 बजे घटना घट गई।
हर तरफ जूते-चप्पल बिखरे
भगदड़ के बाद हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि सीढ़ियों पर जूते-चप्पल और कपड़े बिखरे हुए थे, दूसरे वीडियो में दिख रहा था कि कुछ यात्री सीढ़ियों और फर्श पर बेहोशी की हालत में पड़े थे। कुछ लोग बेहोश यात्रियों की हवा कर रहे थे, तो कुछ उन्हें सीढ़ियों से उठाकर नीचे की ओर ला रहे थे।