भीड़ नहीं, भ्रम थी भगदड़ की वजह; नई दिल्ली हादसे पर रेल मंत्री ने तोड़ी चुप्पी; साजिश से इनकार
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के पीछे किसी साजिश की संभावना से इनकार किया है। हादसे के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए रेल मंत्री ने सोमवार को कहा कि घटना के समय दोनों प्लेटफॉर्म पर कोई असाधारण भीड़ नहीं थी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के पीछे किसी साजिश की संभावना से इनकार किया है। हादसे के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए रेल मंत्री ने सोमवार को कहा कि घटना के समय दोनों प्लेटफॉर्म पर कोई असाधारण भीड़ नहीं थी। वह रेल भवन में मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक मिली जानकारी से पता चलता है कि शनिवार को जब भगदड़ हुई, तब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कोई असाधारण भीड़ नहीं थी। उन्होंने प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा के कारण यात्रियों में फैले भ्रम को भगदड़ का कारण बताते हुए कहा कि जांच समिति इस पर गहराई से विचार कर रही है।
वैष्णव ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्मों सहित विभिन्न स्टेशनों से लाइव फीड प्राप्त करने के लिए रेल भवन में स्थापित वॉर रूम से पता चला कि इन स्टेशनों पर असाधारण भीड़ नहीं थी। उन्होंने कहा, "हमने पिछली असफलताओं और गलतियों से सीखा है और यही कारण है कि यात्रियों की इतनी बड़ी भीड़ को इतनी अच्छी तरह से प्रबंधित किया गया है। पिछले कुंभ मेले में जहां केवल 4000 ट्रेनें चलाई गई थीं, वहीं इस बार हमने 13000 ट्रेनों की योजना बनाई। अब तक 12583 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं।"
वैष्णव ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में इतनी बड़ी भीड़ नहीं होती। रेलवे अधिकारियों ने दिन-रात काम किया है। इतनी बड़ी भीड़ को मैनेज करना बेहद मुश्किल काम है। उनके अनुसार, कुंभ मेले के लिए अब तक 2.9 करोड़ श्रद्धालुओं ने ट्रेनों का इस्तेमाल किया है। मंत्री ने मृतकों और घायलों के परिजनों को नकद राशि दिए जाने को उचित ठहराते हुए कहा कि यह प्रथा के अनुसार है।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि व्यस्त नई दिल्ली स्टेशन पर सभी 16 प्लेटफॉर्म की कुल क्षमता किसी भी समय 48000 यात्रियों की है। प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर 3000 यात्री बैठ सकते हैं। घटना वाले दिन 15 फरवरी को शाम छह बजे से आठ बजे के बीच करीब 12208 अनारक्षित टिकट बेचे गए, जबकि अन्य दिनों में यह संख्या आमतौर पर 9600 के आसपास होती है। अन्य दिनों में जहां रात आठ बजे से 10 बजे के बीच 8900 अनारक्षित टिकट बेचे जाते हैं, वहीं 15 फरवरी को 7600 अनारक्षित टिकट बेचे गए।
अधिकारी ने कहा कि प्लेटफॉर्म नंबर 12 से शाम 7:15 बजे एक प्रयागराज स्पेशल ट्रेन चलाई गई। टिकटों की बिक्री में वृद्धि को देखते हुए एक और स्पेशल ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई, जो उसी प्लेटफॉर्म पर 8:50 बजे प्रतीक्षा कर रही थी। अधिकारी ने कहा कि प्लेटफॉर्म 12 पर प्रयागराज स्पेशल ट्रेन के लिए रात 8:30 बजे के आसपास घोषणा की गई और कुछ यात्री भ्रमित हो गए। उन्हें लगा कि यह घोषणा प्रयागराज एक्सप्रेस के लिए की गई है। जो लोग प्रयागराज एक्सप्रेस में सवार होने के लिए प्लेटफॉर्म 14 पर थे वे प्लेटफॉर्म नंबर 12 की ओर बढ़ने लगे। अधिकारी ने कहा कि सीढ़ियां चढ़ते समय एक यात्री अपने सिर पर भारी बोझ लिए हुए था। वह असंतुलित होकर अन्य यात्रियों पर गिर गया, जिससे भगदड़ मच गई।