Hindi Newsएनसीआर न्यूज़new delhi railway station stampede two cases investigation closed after police filed untraceable report

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के इन 2 मामलों की जांच बंद, अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गत 15 फरवरी को हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत के बाद व्यवस्था को लेकर तमाम सवाल उठने लगे हैं। रेलवे स्टेशन पर व्यवस्थागत खामियों को दूर करने के साथ ही जिम्मेदार पर कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमंत कुमार पांडेयFri, 28 Feb 2025 05:33 AM
share Share
Follow Us on
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के इन 2 मामलों की जांच बंद, अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गत 15 फरवरी को हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत के बाद व्यवस्था को लेकर तमाम सवाल उठने लगे हैं। रेलवे स्टेशन पर व्यवस्थागत खामियों को दूर करने के साथ ही जिम्मेदार पर कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है। इस तरह की घटना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले दो बार भगदड़ हुई, जिसमें सात लोगों की मौत और 16 लोग घायल हुए थे। हैरानी की बात यह है कि इन मामलों में जिम्मेदार का पता ही नहीं चल पाया और रेलवे पुलिस ने अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल कर मामले की जांच को हमेशा के लिए बंद कर दिया।

छठ पर भीड़ बढ़ने से मची थी भगदड़ : जीआरपी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 13 नवंबर 2004 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लैटफॉर्म संख्या 2-3 पर भगदड़ हुई थी। दरअसल, छठ पर्व के लिए प्लैटफॉर्म पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही थी। इसी दौरान धक्का लगने की वजह से भगदड़ मच गई। इस हादसे में 5 महिलाओं की मौत हो गई थी, जबकि 10 लोग घायल हो गए थे। बठिंडा जा रहे बुजुर्ग राजीव कुमार की पत्नी की भी इस हादसे में मौत हो गई थी। पुलिस ने बुजुर्ग की शिकायत पर लापरवाही से मौत की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। इसके दो साल बाद एक मार्च को जांच अधिकारी ने कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल कर दी। यहां तक कि रेलवे को अपनी जांच में भी जिम्मेदार का पता नहीं चल पाया।

प्लैटफॉर्म बदलने पर हुआ था हादसा : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लैटफॉर्म संख्या 12-13 पर 16 मई 2010 को भगदड़ मची थी। इस भगदड़ में दो यात्रियों की मौत हुई और छह लोग घायल हुए थे। दरअसल, प्लैटफॉर्म पर बिहार जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस के यात्री जमा हो रहे थे। इसी दौरान ट्रेन के प्लैटफॉर्म बदलने की सूचना प्रसारित हुई और भगदड़ मच गई।

इस बाबत हादसे में घायल यमुना मंडल ने शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस बाबत लापरवाही से मौत की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन पूरी जांच में प्लैटफॉर्म बदलने की बात सामने नहीं आई और ना ही इस बाबत कोई सुबूत ही मिला। रेलवे एवं आरपीएफ की जांच रिपोर्ट से भी सुराग नहीं मिल पाया। इसकी वजह से नई दिल्ली रेलवे पुलिस ने हादसे के दो साल बाद जांच की अनट्रेस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी।

क्या है अनट्रेस रिपोर्ट

मामले की जांच के दौरान अगर पुलिस घटना के कारणों और जिम्मेदार तक पहुंचने में सफल नहीं होती है तो उस जांच को बंद करने के लिए अनट्रेस रिपोर्ट अदालत में दाखिल करती है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें