NCR के 80 गांवों के 209 वर्ग किमी में बसेगा नया नोएडा, अगले माह से शुरू होगा जमीन अधिग्रहण
ग्रेटर नोएडा के पास दादरी और बुलंदशहर के 80 गांवों की जमीन पर बसने वाले नए नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अगले महीने शुरू हो जाएगी। अभी जमीन का अधिग्रहण जिला प्रशासन के जरिये होगा। पहले फेज में 3165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा।
ग्रेटर नोएडा के पास दादरी और बुलंदशहर के 80 गांवों की जमीन पर बसने वाले नए नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अगले महीने शुरू हो जाएगी। अभी जमीन का अधिग्रहण जिला प्रशासन के जरिये होगा। पहले फेज में 3165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। शनिवार को हुई नोएडा प्राधिकरण की 215वीं बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया।
नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक शनिवार को नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन और यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई। सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि इस महीने 18 अक्टूबर को शासन ने नए नोएडा के मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी दे दी थी। इसे दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) के रूप में विकसित किया जाएगा। अब इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया की जाएगी। प्रयास है कि अगले महीने से इसकी शुरुआत कर दी जाए। अभी जिला प्रशासन के जरिये जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बाद में आपसी सहमति से जमीन लेने, सीधे डेवपलर को जिम्मा देने जैसे विकल्पों पर विचार किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण होने के बाद लेआउट प्लान तैयार किया जाएगा। नया नोएडा 209.11 वर्ग किमी में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इसके लिए 80 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। यह मास्टर प्लान एसपीए (स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट) दिल्ली ने बनाया है। ये शहर वेस्ट यूपी का ग्रोथ इंजन होगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-27 तक इसके 3165 हेक्टेयर को विकसित किया जाएगा। इसी तरह 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया को विकसित किया जाएगा। इसके बाद 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और अंत में 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने का प्लान है।
बोर्ड बैठक में औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी, यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह, जिलाधिकारी मनीष वर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
एक हजार करोड़ रुपये रिजर्व : प्राधिकरण ने 213 वीं बोर्ड में करीब 1 हजार करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण के रिजर्व किए हुए है। जिनका पूरे वित्त वर्ष में उपयोग नहीं हो सका। अधिकारियों ने बताया कि यह पैसा पहले फेज में जमीन अधिग्रहण के लिए रिजर्व किया गया है। यह प्रस्ताव भी बोर्ड बैठक में रखा गया।
आईटी के लिए भूखंड मंजूर
प्राधिकरण ने डेटा सेंटर के लिए आरक्षित भूखंड का लैंड यूज बदलने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने आईटी-आईटीईएस उपयोग के भूखंड लेने की इच्छा व्यक्त की है। इससे रोजगार भी अधिक मिलेंगे। इसको देखते हुए सेक्टर-154 के भूखंड संख्या-2-9 और 2-11 को आईटी-आईटीईएस के लिए मंजूर कर दिय गया है।
49 आवंटियों पर सीलिंग की तैयारी
प्राधिकरण सरकारी विभाग, पेट्रोल पंप, बैंक आदि को संपत्ति किराये पर देता है। काफी समय से संबंधित आवंटियों ने किराये का भुगतान नहीं किया है। अधिकारियों ने बताया कि 49 आवंटियों पर 1578 करोड़ 14 लाख रुपये बकाया है। बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी डिफॉल्टर को बकाया देने के लिए अंतिम नोटिस जारी किया जाए। इसके बाद भी भुगतान न करें तो संबंधित बिल्डिंग को सील कर दिया जाए।
लिफ्ट के लिए सहमति का प्रस्ताव खारिज
नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बनाई गई तीन-चार मंजिल की सोसाइटी में लिफ्ट लगाने के लिए 100 प्रतिशत लोगों की सहमति लिए जाने का प्रस्ताव रखा गया। इसको बोर्ड ने खारिज कर दिया। सिर्फ इतना कहा कि संबंधित आरडब्ल्यूए की एनओसी जरूर मांगी जाए। अभी 50 प्रतिशत लोगों की सहमति के आधार पर लिफ्ट लगाई जाती है।
चिकित्सा नीति बनेगी
नोएडा प्राधिकरण में श्रम शक्ति आपूर्तिकर्ता के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा दिलाए जाने के संबंध में प्राधिकरण एक नीति बनाएगा। कर्मचारियों को तैयार होने वाली नीति के अंतर्गत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।