रिठाला-नरेला वाली मेट्रो हरियाणा तक जाएगी, 26 KM के रूट पर बनेंगे 21 स्टेशन
- दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के रिठाला-नरेला कॉरिडोर को हरियाणा के कुंडली-नाथुपुरा तक बढ़ाया जाएगा। दिल्ली सरकार की ओर से बुधवार को इसको लेकर सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। अब मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के रिठाला-नरेला कॉरिडोर को हरियाणा के कुंडली-नाथुपुरा तक बढ़ाया जाएगा। दिल्ली सरकार की ओर से बुधवार को इसको लेकर सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। अब इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इस कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह 26.46 किलोमीटर का लंबा रूट होगा। कुल 21 मेट्रो स्टेशन बनाए जाने की योजना है। 19 स्टेशन दिल्ली और 2 हरियाणा में होंगे।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि नरेला-रिठाला कॉरिडोर का हरियाणा तक विस्तार होने से हजारों लोगों को फायदा मिलेगा। दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में कैलाश गहलोत ने कहा कि मेट्रो फेज चार कुल छह कॉरिडोर का निर्माण होना था। उसमें अब तक पांच कॉरिडोर को मंजूरी मिल चुकी है।
गहलोत ने कहा कि एक नरेला से रिठाला कॉरिडोर की लंबाई 22 किलोमीटर थी, उसकी मंजूरी बाकी थी। बाद में इसका विस्तार हरियाणा तक किए जाने का फैसला किया गया था। अब हरियाणा तक विस्तार को भी केजरीवाल सरकार ने सैंद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस कॉरीडोर को बनाने में चार साल का समय लगेगा। इस विस्तार से यात्रियों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी और दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
परिवहन मंत्री ने कहा कि यह विस्तार दिल्ली-हरियाणा के निवासियों के आवागमन की दिशा में अहम कदम है। लक्ष्य है कि हम यात्रा का समय, सड़कों पर भीड़ और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा दे सके।
मेट्रो फेज चार में बन रहे कॉरिडोर की स्थिति
मुकुंदपुर-मौजपुर- निर्माणाधीन
एरोसिटी-तुगलकाबाद- निर्माणाधीन
जनकपुरी पश्चिम-आर.के. आश्रम- निर्माणाधीन
लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक- मंजूर (निर्माण शुरू नहीं)
इन्द्रलोक-इन्द्रप्रस्थ- मंजूर (निर्माण शुरू नहीं)
रिठाला-नरेला-नाथूपुर(हरियाणा)- सैंद्धांतिक मंजूरी
समय पर क्यों नहीं चल रहीं योजनाएं भाजपा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बुधवार को सवाल उठाया कि दिल्ली मेट्रो फेज चार की सभी परियोजनाएं समय पर क्यों नहीं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के परिवहन मंत्री गलत श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं। समय पर अनुमति और धनराशि नहीं देने के कारण मेट्रो फेज तीन परियोजनाओं में देरी हुई। अब मेट्रो फेज 4 के समय पर पूरा न होने के लिए भी दिल्ली सरकार जिम्मेदार है।