मेरी हत्या की रची गई थी साजिश, विधायक नंद किशोर गुर्जर का प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को जवाब
गाजियाबाद जिले की लोनी सीट से BJP विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को पार्टी के नोटिस का जवाब दिया है। जाने विधायक गुर्जर ने इस पत्र में क्या बातें कही हैं।

गाजियाबाद जिले के लोनी विधानसभा क्षेत्र से BJP विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को पार्टी की ओर से जारी किए गए नोटिस का जवाब भेजा है। इस पत्र में विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा है कि मेरे लिए संगठन सर्वोपरि है। संगठन की टीम को लोनी भेजकर पुलिस की बर्बरता के बारे में जानकारी ली जा सकती है। कलश यात्रा की अनुमति होने के बावजूद पुलिसिया बर्बरता किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के कारण अधिकारियों के इशारे पर मुझ पर हमला किया गया।
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा है कि आपका कारण बताओ नोटिस मिला, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मैंने सरकार के खिलाफ बयान दिया है। इस बारे में मैं कहना चाहता हूं कि मैं 1989 से संघ का स्वयंसेवक हूं। मैं छात्रसंघ अध्यक्ष, युवा मोर्चा की राष्ट्रीय टीम, किसान मोर्चा की राष्ट्रीय टीम, क्षेत्रीय समिति का सदस्य रहा हूं। मैं गाजियाबाद का जिला अध्यक्ष और बागपत जिले का प्रभारी रहा हूं। इस दौरान मैंने दिन-रात पार्टी के लिए काम किया है। मेरा हर बयान और कृत्य राष्ट्रधर्म, गौ रक्षा, हिंदुत्व और सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना के प्रति समर्पित रहा है।
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने आगे लिखा है कि मैं भाजपा का अनुशासित कार्यकर्ता हूं। पार्टी मेरे लिए प्राणों के समान है। विचारधारा के अनुरूप ही साल 2010 से (बसपा शासनकाल) से रामकथा का आयोजन होता आ रहा है। यह आयोजन पूज्य अतुल कृष्ण भारद्वाज जी (संघ के पूर्व प्रचारक एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता) की ओर से किया जाता है। वे तीन दशकों से राम नाम के जरिए हिंदू समाज को जगा रहे हैं। इसी परंपरा के तहत 20 मार्च को रामकथा की कलश यात्रा प्रारंभ हुई थी। यात्रा के दौरान मेरे सिर पर पवित्रतम ग्रंथ श्री रामचरितमानस था।
इसके बावजूद पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज किया। इस दौरान महिलाओं के वस्त्र फट गए, कलश टूट गए और मेरे साथ अभद्रता हुई। मेरे कपड़े तक फट गए और मैं जमीन पर गिर पड़ा। इस पुलिसिया बर्बरता में दर्जनों भाई-बहनों को चोटें आईं। इनकी एमएलसी भी बनी है। नशे में धुत पुलिस अधिकारियों ने पवित्र रामचरितमानस को छीनकर फाड़ने की कोशिश की। मैंने जान की परवाह किए बिना इस पवित्रतम ग्रंथ को बचाया।
मैंने हाथ जोड़कर सभी श्रद्धालुओं से शांति की अपील की अन्यथा 11 हजार कलश लेकर चल रही माताएं-बहनें समेत हजारों लोग आक्रोशित थे। इससे बड़ा टकराव हो सकता था लेकिन भगवान की कृपा से मैंने स्थिति को संभाला और यात्रा पूरी करवाई। कलश यात्रा पर हर धर्म और जाति के लोगों ने हर साल की तरह इस बार भी फूलों की बारिश की। बसपा, सपा और पिछले साल तक मेरी भाजपा सरकार में भी कभी कलश यात्रा की अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन इस बार यात्रा रोकने और पुलिस की बर्बरता से करोड़ों हिंदुओं में आक्रोश है।
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने आगे लिखा है कि लखनऊ के एक आईपीएस अधिकारी ने मुझे पहले ही सूचना दी थी कि पुलिस कलश यात्रा को अनुमति नहीं होने का बहाना बनाकर रोकेगी। यदि यात्रा निकालने पर जोर दिया गया तो लाठीचार्ज किया जाएगा। अधिकारी ने बताया था कि यदि स्थिति बिगड़ी तो गोली मारकर मेरी हत्या कर दी जाएगी। यह साजिश एक बड़े अधिकारी की ओर से रची गई थी। मैंने एहतियात के तौर पर प्रशासन से अनुमति पत्र प्राप्त करने के बाद ही यात्रा शुरू की।
बावजूद इसके पुलिस अधिकारियों ने माता बहनों के साथ बर्बरता की उपवास में थीं। मुझे पहले ही उन तीन मुस्लिम युवकों ने घटना के बारे में बता दिया था जिन्हें पुलिस ने बुलाकर यात्रा पर पथराव करने और दंगा भड़काने की योजना बनाई थी। अधिकारियों ने इन लोगों से कहा था कि छतों से पत्थर फेंक देना, जिससे बवाल होगा और पुलिस गोली चलाने का बहाना बनाकर मेरी हत्या कर देगी। मेरा आग्रह है कि जिस प्रकार भगवान राम ने यज्ञ की रक्षा के लिए रक्षसों का संहार किया था उस प्रकार आप रामकथा यज्ञ में विघ्न डालने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करें।