अपने ही बेटे का करा दिया धर्म परिवर्तन, कोर्ट ने मां समेत 3 लोगों को सुनाई 10 साल की सजा
- कुरैशी ने प्रार्थना से शादी की थी और बाद में उसके बेटे का धर्म परिवर्तन कराया था। बेटे का जबरन खतना किया गया और स्कूल रिकॉर्ड में उसका नाम भी बदल दिया गया था।
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मध्य प्रदेश की इंदौर जिला कोर्ट ने अपने बेटे का अवैध तरीके से धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में उसकी मां और दो अन्य लोगों को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा दी है। मां की पहचान 27 साल की प्रार्थना शिवहरे के तौर पर हुई है जबकि अन्य दो लोगों की पहचान 33 साल के इलियास अहमद कुरेशी और 37 साल के मोहम्मद दजफर अळी के तौर पर हुई है। 10 साल की सजा के साथ उन पर 5 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। कुरैशी ने प्रार्थना से शादी की थी और बाद में उसके बेटे का धर्म परिवर्तन कराया था। बेटे का जबरन खतना किया गया और स्कूल रिकॉर्ड में उसका नाम भी बदल दिया गया था।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक 15 जुलाई 2023 को महेश कुमार नाहटा ने एक लिखित शिकायत दी थी जिसमें कहा गया था कि उसने 30 जून 2014 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार राजस्थान में प्रार्थना से शादी की थी। 20 जुलाई 2015 को उनका बेटा हुआ। 25 फरवरी, 2018 को, शिकायतकर्ता के ससुर उसकी पत्नी और बेटे को एक रिश्तेदार के सगाई के लिए मध्य प्रदेश के शाजापुर ले गए। वहीं 29 मार्च 2018 को जब वह घर लौट रहे थे तो रतलाम के पास सालाखेड़ी चौराहे पर उन्हें अहसास हुआ कि उनका पोता और बहू गायब हैं। उन्होंने रतलाम में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन बाद में पता चला कि उनकी पत्नी किसी अन्य व्यक्ति इलियास अहमद कुरेशी के साथ चली गई है।
पिता ने पत्नी से अपना बेटा मांगा तो उसने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद कस्टडी के लिए याचिका भी दायर की गई लेकिन पत्नी की कोई जानकारी ना होने के कारण मामला आगे नहीं बढ़ सका। कुछ समय पहले हाल ही में शिकायतकर्ता को जानकारी मिली कि इलियास कुरेशी उसकी पत्नी और बेटे के साथ खजराना में रह रहा है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि इलियास ने गैरकानूनी तरीके से उसके बेटे का खतना किया, उसका नाम बदला, उसे स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए आधिकारिक दस्तावेजों में हेराफेरी की और उसकी पत्नी और बेटे का जबरन धर्म परिवर्तन कर दि.ा और उन्हें मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार रहने को कहा।
कोर्ट ने पाया किआरोपी मोहम्मद जफर अली ने नाबालिग लड़के का फर्जी आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र बनाया था। इसके अलावा यह भी साफ हो गया कि यह जालसाजी आरोपी प्रार्थना और कुरेशी की मिलीभगत थी।