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MCD दे रहा है संपत्ति कर भुगतान में छूट; दिल्ली नगर निगम ने खुद बताई इस खबर की सच्चाई

  • इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में मंगलवार को एमसीडी में सदन की बैठक में आम आदमी पार्टी और भाजपा सदस्यों के बीच सत्र की वैधता और AAP द्वारा दो प्रमुख प्रस्तावों को पेश करने को लेकर तीखी नोकझोंक हुई थी।

Sourabh Jain पीटीआई, नई दिल्लीFri, 28 Feb 2025 11:31 PM
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MCD दे रहा है संपत्ति कर भुगतान में छूट; दिल्ली नगर निगम ने खुद बताई इस खबर की सच्चाई

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने उन खबरों को गलत बताया है, जिनमें कहा जा रहा था कि नगर निगम ने लोगों को संपत्ति कर का भुगतान करने से छूट दे दी है। इसके साथ ही नगर निगम ने यह भी कहा कि सभी संपत्ति मालिकों और कब्जाधारियों को मौजूदा कानूनों के अनुसार ऐसा करना जरूरी है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में, नगरीय निकाय ने शहर में रहने वाले निवासियों से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न देने का अनुरोध किया।

एमसीडी ने एक बयान जारी करते हुए इस बात पर जोर दिया कि संपत्ति कर एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत है, जो उसकी कुल आय का लगभग एक-चौथाई योगदान देता है। नगर निगम कर्मचारियों के लंबित वेतन और ठेकेदारों के बकाए सहित बढ़ती वित्तीय चुनौतियों के बीच, बयान में कहा गया, 'संपत्ति कर सभी कब्जाधारियों और मालिकों द्वारा देय है, और इसके भुगतान में किसी तरह की कोई छूट नहीं दी गई है।'

संभावित छूट को लेकर बहुत से लोगों द्वारा की गई पूछताछ के बाद एमसीडी को इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा, जिसमें उसने दोहराया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कर ढांचे को पिछले साल फरवरी में अंतिम रूप दिया गया था, जबकि 2025-26 के लिए शुल्क 13 फरवरी, 2025 को एक बैठक में निर्धारित किए गए थे।

14,000 करोड़ रुपए से अधिक बकाया होने के कारण नगरीय निकाय ने स्वच्छता, सड़क रखरखाव और जल निकासी व्यवस्था जैसी आवश्यक नागरिक सेवाओं को बनाए रखने के लिए वित्तीय स्थिरता के महत्व पर जोर दिया। एमसीडी ने सभी संपत्ति मालिकों और कब्जाधारियों से स्व-मूल्यांकन (सेल्फ असेसमेंट) के आधार पर अपना संपत्ति कर रिटर्न दाखिल करने और पेनल्टी से बचने के लिए 31 मार्च, 2025 तक अपने भुगतान को पूरा करने का आग्रह किया है।

इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में मंगलवार को एमसीडी में सदन की बैठक में आम आदमी पार्टी और भाजपा सदस्यों के बीच सत्र की वैधता और AAP द्वारा दो प्रमुख प्रस्तावों को पेश करने को लेकर तीखी नोकझोंक हुई थी। इस दौरान AAP ने बड़े पैमाने पर संपत्ति कर माफी की वकालत की थी और दूसरा हजारों संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग की थी।

सदन की कार्यवाही के बाद आम आदमी पार्टी के मेयर महेश कुमार खिंची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि सदन ने एमसीडी में सभी संविदा कर्मियों को नियमित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि सदन में 70 से अधिक AAP पार्षद मौजूद थे, जिससे बैठक के लिए आवश्यक कोरम सुनिश्चित हुआ। उन्होंने आगे कहा कि सत्र समय पर शुरू हुआ, लेकिन पिछले मौकों की तरह एक बार फिर अराजकता के कारण बाधित हुआ। हालांकि, भाजपा नेताओं ने मेयर के दावे को चुनौती देते हुए तर्क दिया कि प्रस्तावों को उचित कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से पारित नहीं किया गया था।

उधर भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा, 'प्रस्ताव पारित करने की आधिकारिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। मेयर का दावा निराधार है।' बाद में सिंह ने शाम को एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार को पत्र लिखकर उनसे दिन की कार्यवाही को 'अमान्य और निरस्त' घोषित करने का आग्रह किया।

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