कूड़े का नहीं किया निपटारा तो जुर्माना! MCD ने निगरानी के लिए लॉन्च किया नया सॉफ्टवेयर
एमसीडी ने राष्ट्रीय राजधानी में बल्क वेस्ट जेनरेटर (BWGs) के रजिस्ट्रेशन और निगरानी के लिए एक नया सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने राष्ट्रीय राजधानी में बल्क वेस्ट जेनरेटर (BWGs) के रजिस्ट्रेशन और निगरानी के लिए एक नया सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बल्क वेस्ट जेनरेटर ऐसे आवासीय एवं कॉमर्शियल परिसर, होटल, बैंक्वेट हॉल, अस्पताल एवं अन्य प्रतिष्ठान हैं जहां से हर रोज 100 किलो से अधिक कचरा निकलता है। बयान में यह भी कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन या उचित कचरा प्रबंधन नहीं करने पर लागू नियमों के तहत फाइन भी लगाया जा सकता है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह सॉफ्टवेयर एमसीडी को इन परिसरों में कचरे के निपटान के तरीकों की प्रभावी रूप से निगरानी करने में सक्षम बनाएगा। इससे बल्क वेस्ट जेनरेटर परिसरों की जवाबदेही सुनिश्चित होगी। इससे लैंडफिल साइटों पर बोझ को भी कम करने में मदद मिलेगी जो पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिहाज से चिंता का सबब बना हुआ है।
यह पहल दिल्ली में प्रभावी कचरा प्रबंधन सुनिश्चित करने के एमसीडी के प्रयासों का हिस्सा है, जैसा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत अनिवार्य है। बयान में कहा गया कि नया लॉन्च किया गया सॉफ्टवेयर वेस्ट जेनरेटर प्रतिष्ठानों को खुद को रजिस्टर करने और कचरे के उचित निपटान समेत अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली मुहैया करता है।
जारी बयान में कहा गया है कि सभी बल्क वेस्ट जेनरेटर परिसरों को जल्द से जल्द 311 ऐप या पोर्टल के माध्यम से प्लेटफॉर्म पर खुद को रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है। रजिस्ट्रेशन या उचित कचरा प्रबंधन निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर लागू नियमों के तहत फाइन लगाया जा सकता है। इस बीच निगम के 2025-26 के बजट को लेकर दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने MCD आयुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि यह बजट दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 (डीएमसी एक्ट) के तहत MCD की स्थायी समिति के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए।