मणिपुर की छात्रा ने कैब ड्राइवर पर लगाया बंधक बनाने का आरोप, भाग कर बचाई आबरू
Delhi Crime: दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली एक मणिपुरी छात्रा ने एक कैब ड्राइवर पर बंधक बनाने और दुष्कर्म के इरादे से उसे एक सुनसान जगह पर ले जाने का आरोप लगाया है।
मणिपुर की एक छात्रा ने कैब ड्राइवर पर बंधक बनाने और यौन उत्पीड़न की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उसने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों पर भी आरोपी कैब ड्राइवर के खिलाफ उसकी शिकायत पर लचर रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि पुलिस के लचर रवैये के कारण आरोपी ड्राइवर जमानत पाने में सफल रहा। पीड़िता ने दावा किया कि एक ऑनलाइन कैब एग्रीगेटर कंपनी से जुड़े ड्राइवर ने उसको बंधक बना लिया और दुष्कर्म करने के इरादे से उसे एक सुनसान जगह पर ले गया, जहां से वह किसी तरह भागने में सफल रही।
डीयू में पढ़ने वाली पीड़िता ने आरोप लगाया कि जब वह शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंची, तो उसे सात घंटे तक इंतजार कराया गया। पीड़िता ने कहा- मेरे जीवन को गंभीर खतरा होने के बावजूद, FIR में केवल मामूली आरोप शामिल किए गए। इससे आरोपी को जमानत पाने का आसान रास्ता मिल गया। इस केस को जिस तरह से हैंडल किया गया और तुरंत जरूरी कार्रवाई नहीं की गई, वह चिंताजनक है। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि उसको लेने आया कैब ड्राइवर ऑनलाइन पोर्टल पर दिखाए गए व्यक्ति से अलग था।
वहीं आरोपों पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिकायत मिली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पीड़िता की शिकायत के आधार पर मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन में कैब ड्राइवर विनोद के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 127 (2) (बंधक बनाना) और 351 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि उसी दिन उसको जमानत भी मिल गई। यह घटना तब हुई जब पीड़िता 5 अक्टूबर को रात 11.10 बजे दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस के पास अपने रूम से ISBT जा रही थी।
पीड़िता का आरोप है कि कैब ड्राइवर उसे दुष्कर्म करने के इरादे से एक सुनसान जगह पर ले गया। जब उसने उसका विरोध किया, तो उसने उसे ब्लेड से उसको जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने कहा कि सवारी के दौरान- आरोपी ने उससे निजी सवाल पूछे। इससे मैं असहज हो गई। आरोपी ने जब दूसरा रास्ता लिया, तो मुझे शक हुआ। मैं किसी तरह कार से बाहर निकलने और भागने में कामयाब रही। मैंने दिल्ली पुलिस की उत्तर-पूर्वी राज्य हेल्पलाइन से संपर्क किया, तो तत्काल मदद पहुंचाने के बजाय, उन्होंने मुझे नजदीकी पुलिस स्टेशन भेज दिया।