विधायक नंद किशोर गुर्जर से विवाद पड़ा भारी, कमिश्नर का तबादला; MLA समर्थकों ने मनाया जश्न
- 15 अप्रैल को हुए प्रशासनिक फेरबदल में गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर को प्रयागराज का पुलिस महानिरीक्षक बना दिया गया। जिसके बाद विधायक नंद किशोर गुर्जर के समर्थक इसे अपने नेता की जीत बताते हुए जश्न मनाने लगे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को प्रशासनिक फेरबदल करते हुए गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा का तबादला करते हुए उन्हें प्रयागराज भेज दिया। उनके तबादले में लोनी सीट से विधायक नंद किशोर गुर्जर के साथ हुए उनके विवाद की सबसे अहम भूमिका मानी जा रही है, जिसमें उनका कुर्ता भी फट गया था। अब अधिकारी के ट्रांसफर के बाद विधायक के घर ढोल बजाकर खुशियां मनाई जा रही हैं और उनके समर्थक इसे भाजपा विधायक के साथ हुई बदसलूकी की सजा बता रहे हैं। नंद किशोर गुर्जर के समर्थन में राष्ट्रीय गुर्जर महासभा ने आंदोलन भी किया था, साथ ही दिल्ली कूच का आह्वान भी किया था। हालांकि उमा भारती से मिले आश्वासन के बाद उन्होंने इसे टाल दिया था। वहीं अधिकारी की बदली के बाद बुधवार को विधायक ने सिर पर श्रीरामचरितमानस रखते हुए अपना एक फोटो शेयर किया और सभी श्रीरामभक्तों, 36 बिरादरी को हृदय की गहराई से आभार एवं धन्यवाद कहा।
दरअसल गुर्जर ने पिछले महीने एक रामकथा का आयोजन करवाया था, इसी दौरान निकली कलश यात्रा में पुलिस के साथ उनका विवाद हो गया था, और झूमाझटकी में उनका कुर्ता भी फट गया था। इसके बाद से स्थानीय विधायक नंगे पैर और फटे कपड़े में रहकर पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा के तबादले की मांग कर रहे थे, उन्होंने न्याय नहीं मिलने तक वही फटा कुर्ता पहनने और नंगे पैर रहने की बात कही थी। साथ ही मिश्रा पर कई तरह के गम्भीर आरोप भी लगाए थे। जिसके बाद आखिरकार 15 अप्रैल को जारी सरकार की लिस्ट में उनकी मांग पूरी करते हुए कमिश्नर का ट्रांसफर कर दिया।
इससे पहले कमिश्नर के तबादले की मांग को लेकर नंद किशोर गुर्जर ने राष्ट्रीय गुर्जर महासभा के नेतृत्व में 13 अप्रैल को दिल्ली कूच करने का फैसला भी किया था, हालांकि भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती से मिले आश्वासन के बाद उन्होंने इस विरोध प्रदर्शन को टाल दिया था। इस बारे में जानकारी देते हुए गुर्जर महासभा ने सोशल मीडिया पर बताया था कि '20 मार्च को लोनी में कलश यात्रा के दौरान श्रीरामभक्त माताओं-बहनों पर लाठीचार्ज और विधायक नंदकिशोर गुर्जर जी के साथ दुर्व्यवहार से संपूर्ण हिंदू समाज आक्रोशित है। 13 अप्रैल को दिल्ली कूच का निर्णय हुआ था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता उमा भारती जी के आग्रह व आश्वासन पर लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर की अपील पर फिलहाल कार्यक्रम स्थगित किया गया है। हमें विश्वास है कि योगी सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी।'
इस आश्वासन के बाद 15 अप्रैल को हुए प्रशासनिक फेरबदल में गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर को प्रयागराज का पुलिस महानिरीक्षक बना दिया गया। जिसके बाद विधायक नंद किशोर गुर्जर के समर्थक इसे अपने नेता की वैचारिक जीत बताते हुए जश्न मनाने लगे। उन्होंने गुर्जर के घर के बाहर ढोल-नगाड़े बजाते हुए खुशियां मनाईं।
20 मार्च को हुए इस विवाद के बाद गुर्जर ने 21 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश में ‘अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है और अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुमराह कर रहे हैं और सरकारी खजाने को लूट रहे हैं।’ गुर्जर फटे कुर्ते में प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे और उन्होंने दावा किया था कि ‘पुलिस ने मेरे कपड़े फाड़ दिए हैं।’
जिसके बाद इसी मुद्दे और अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी को लेकर गुर्जर को पार्टी द्वारा अनुशासनहीनता के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। जिसके जवाब में 27 मार्च को भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी को भेजे अपने जवाब में गुर्जर ने यह दावा किया कि लखनऊ में तैनात भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एक अधिकारी ने उन्हें पहले ही सूचित कर दिया था कि स्थानीय पुलिस राम कथा से पहले विधायक द्वारा आयोजित कलश यात्रा के दौरान बाधा उत्पन्न करेगी।
अपने स्पष्टीकरण पत्र में गुर्जर ने कहा, ‘राम कथा से पहले लगभग 11 हजार महिलाएं अपने सिर पर कलश लेकर जा रही थीं, जिन्हें पुलिस ने यह कहकर रोक लिया कि आयोजकों ने कलश यात्रा की अनुमति नहीं ली है। पुलिस ने उनके और कुछ समर्थकों के साथ मारपीट की जिससे उन्हें चोटें आईं।’ गुर्जर ने बताया कि उन्होंने कलश यात्रा के लिए लोनी प्रशासन से अनुमति ले ली थी।
उन्होंने कहा, ‘...लेकिन पुलिस ने उपवास में सिर पर कलश रखकर नंगे पैर चल रही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया। तीन मुस्लिम लड़कों ने मुझे पहले ही बता दिया था कि पुलिस ने उनके साथ मिलकर लोनी में सांप्रदायिक दंगा भड़काने के लिए छतों से पत्थरबाजी करने की योजना बनाई थी। पुलिस इसे मुझ पर गोली चलाने का बहाना बनाना चाहती थी।’
विधायक ने अपने जवाब में कहा, ‘लखनऊ में तैनात एक आईपीएस अधिकारी ने मुझे पहले ही सूचित कर दिया था कि पुलिस कलश यात्रा में बाधा उत्पन्न करेगी और मुझ पर लाठियां बरसाएगी। यहां तक कि मुझे गोली भी मारी जा सकती है।’
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने 23 मार्च को राज्य सरकार के खिलाफ गुस्सा जताने और तल्ख बयानबाजी के बाद अनुशासनहीनता के आरोप में गुर्जर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। (भाषा इनपुट के सा)